Sunday, May 19, 2024

काली नदी, हिण्डन नदी, गंगा नदी व विभिन्न औद्योगिक नालों में जल प्रदूषण नियंत्रित किया: अंकित सिंह

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मुजफ्फरनगर। क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जनपद में प्रवाह करने वाली काली नदी पश्चिमी, हिण्डन नदी, गंगा नदी तथा विभिन्न औद्योगिक नालों में जल प्रदूषण के भार में हुए सुधार तथा जल प्रदूषण नियंत्रण हेतु की गयी विभिन्न कार्यवाहियों की जानकारी दी गयी।

उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अंकित सिंह ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि जिलाधिकारी के सहयोग से विभिन्न कार्यवाहियां की है। जनपद में प्रवाह करने वाली बाण गंगा, बूढी गंगा में किसी भी उद्योग का परोक्ष-अपरोक्ष रूप से उत्प्रवाह निस्तारित नहीं होता है। विगत् वर्षो में यह संज्ञान में आ रहा था कि शुक्रताल घाट पर बूढ़ी गंगा में वर्षा ऋतु के दौरान अचानक रंग की समस्या पायी जा रही थी।

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जिलाधिकारी के निर्देशानुसार विभाग द्वारा विभिन्न कार्यवाहियां सम्पादित की गयी। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली, उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से उत्तराखण्ड के लक्सर स्थित औद्योगिक क्षेत्र से शुक्रताल घाट तक पूरे स्टे्रच का निरीक्षण कर यह स्पष्ट आख्या प्रस्तुत की है कि बूढ़ी गंगा में जल प्रदूषण की समस्या का कारण मुख्य रूप से लक्सर स्थित चीनी मिल एवं डिस्टिलरी इकाई द्वारा वर्षा ऋतु में अशुद्धिकृत उत्प्रवाह नाले के माध्यम से गंगा नदी में निस्तारित कर दिया जाता था, जिससे शुक्रताल घाट पर बूढ़ी गंगा की जल गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव परिलक्षित होता है। रिपोर्ट  एनजीटी में संयुक्त समिति द्वारा दाखिल की जा चुकी है।

जिलाधिकारी के निर्देश पर उक्त दोनों उद्योगों के विरूद्ध थाना भोपा पर एफआईआर भी दर्ज करायी गयी है। वर्तमान में शुक्रताल घाट पर डीओ की मात्रा अच्छी पायी जा रही है। जनपद में स्थित मुख्य जल प्रदूषणकारी उद्योगों जैसे पल्प एण्ड पेपर, शुगर इकाई, डिस्टिलरी आदि के विगत् 02 माह से संयुक्त निरीक्षण केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ग्राउण्ड वाटर डिपार्टमेन्ट एवं जिला प्रशासन द्वारा किये गये हैं।

निरीक्षण के दौरान उद्योगों, नदियों एवं नालों से लगभग 200 जल नमूने एकत्र कर सील करते हुए केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की केन्द्रीय प्रयोगशालाओं में विश्लेषित कराये गये हैं। जल नमूनों के विश्लेषण एवं निरीक्षण में पायी गयी कमियों के आधार पर लगभग 31 जल प्रदूषणकारी उद्योगों के विरूद्ध जल अधिनियम 1974 की धारा 33ए के अन्तर्गत कार्यवाही की संस्तुति बोर्ड मुख्यालय लखनऊ प्रेषित की गयी हैं।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा विगत् एक वर्ष में उद्योगों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए लगभग 70 लाख जुर्माना लगाकर वसूल किया गया है। गंग नहर खतौली के किनारे कैमिकलयुक्त पॉलिथीन की धुलाई कर गंगा नदी को प्रदूषित किये जाने सम्बन्धी खबर प्रकाश में आने पर विभाग द्वारा निरीक्षण कराया गया। निरीक्षण में पाया गया कि गंग नहर के किनारे साजिद पुत्र जाबिर द्वारा अपने प्लाट एवं शानु पुत्र मजाहिर व खालिद पुत्र युसुफ निवासीगण मौ0 शराफान, खतौली द्वारा खुले स्थल पर शुगर मिल की चीनी के खाली कट्टे व तिरपाल आदि की धुलाई प्लाट के बाहर गड्ढों में पानी भरकर एवं गंग नहर में भी धुलाई की जाती है। उक्त तीनों व्यक्तियों के विरूद्ध विभाग द्वारा जल अधिनियम 1974 के अन्तर्गत कार्यवाही किये जाने हेतु संस्तुति बोर्ड मुख्यालय लखनऊ प्रेषित की जा रही है। उक्त स्थल पर गंग नहर से जल नमूना एकत्र कर क्षेत्रीय प्रयोगशाला मुजफ्फरनगर में विश्लेषित कराये गये हैं, जल नमूने में डीओ की मात्रा पायी गयी है, जिससे स्पष्ट है कि गंग नहर की जल गुणवत्ता अच्छी है।

गंगा नदी के जल को प्रदूषित किये जाने सम्बन्धी खबर पुष्ट नहीं पायी गयी है। इस प्रकार स्पष्ट है कि विभाग द्वारा नदियों/नालों आदि की गुणवत्ता में सुधार किये जाने हेतु निरन्तर कार्यवाहियां सम्पादित की जा रही हैं।

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