प्रयागराज -उमेश पाल हत्याकांड में 19 दिन बाद भी पुलिस अब तक अपराधियों तक नहीं पहुंच पाई है, इसी बीच एक फोन काल से ज़िले का राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। गुजरात की साबरमती जेल में बंद अतीक ने ‘सत्ता के एक बड़े नेता’ को जेल से फोन मिलाकर मदद मांगी, लेकिन नेताजी ने जैसे ही अतीक की आवाज पहचानी तो तुरंत ही फोन काट दिया। इस फोन कॉल ने अतीक के प्रयागराज के बड़े-बड़े सत्ताधीशों से नजदीकी संबंध का खुलासा कर दिया है।
आपको पता ही है कि 19 दिन पहले राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी,उमेश पाल के साथ ही उनके दो सुरक्षाकर्मी भी हत्यारों का शिकार बन गए थे। उत्तर प्रदेश पुलिस आरोपियों की तलाश में जगह-जगह छापेमारी कर रही है। हत्याकांड में दो अपराधियों का एनकाउंटर कर चुकी है और कई सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है, बाकी की तलाश में उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों और नेपाल व भूटान में भी छापेमारी जारी है लेकिन अभी तक हाथ खाली है।
इसी बीच मीडिया रिपोर्ट में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पुलिस और एसटीएफ अतीक से जुड़े फोन कॉल रिकॉर्ड कर रही थी, इसी बीच एक फोन ने चौंका दिया। बताया जाता है कि अतीक ने यह फोन प्रयागराज के एक बड़े नेता को किया है।
बताया जाता है कि अतीत ने पहले व्हाट्सएप और फेसटाइम पर कॉल करने की कोशिश की लेकिन जब नेताजी उसे उठा नहीं पाए तो उन्होंने सीधे उनके फोन नंबर पर ही कॉल कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक अतीक ने कहा कि माननीय मदद कीजिए, जिसके बाद नेताजी ने अतीक की आवाज पहचानते ही फोन काट दिया।
अतीक अपराध की दुनिया में पूर्वांचल के बड़े नाम के साथ-साथ प्रयागराज के राजनीतिक हलकों में भी बहुत बड़ा नाम है। अतीक की पैठ सत्ता और विपक्ष के सभी नेताओं में हैं। मौजूदा माहौल में सत्ताधीश ही कोई मदद कर सकते हैं इसके चलते उन्हें फोन मिलाया था। इस फोन कॉल ने नेताओं और अपराधियों के गठजोड़ की भी पोल खोल कर रख दी है।