लैटिन एनकैप 2025 क्रैश टेस्ट में सुजुकी बलेनो को बड़ा झटका, भारत में बनी कार को सिर्फ 1-स्टार सेफ्टी रेटिंग, 6 एयरबैग्स पर भी उठे सवाल
अगर आप कार खरीदते समय सेफ्टी को सबसे ऊपर रखते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। भारत में बनी सुजुकी बलेनो जो लैटिन अमेरिकी बाजारों में बेची जाती है उसे लैटिन एनकैप 2025 क्रैश टेस्ट में सिर्फ 1 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली है। यह टेस्ट नए 2025 नियमों के तहत किया गया है जिन्हें 2026 में और भी सख्त किया जाएगा।
2025 के नए नियमों में हुआ बलेनो का क्रैश टेस्ट
अडल्ट और चाइल्ड सेफ्टी स्कोर ने खोली हकीकत
क्रैश टेस्ट के नतीजों में सुजुकी बलेनो ने अडल्ट पैसेंजर सेफ्टी में 42.28 प्रतिशत स्कोर किया। चाइल्ड सेफ्टी में कार को 65.46 प्रतिशत अंक मिले। पैदल यात्रियों की सुरक्षा में स्कोर 48.28 प्रतिशत रहा जबकि सेफ्टी असिस्ट कैटेगरी में 58.14 प्रतिशत अंक हासिल हुए। इन आंकड़ों के कारण कुल मिलाकर कार को सिर्फ 1 स्टार रेटिंग दी गई।
फ्रंट और साइड इम्पैक्ट टेस्ट में क्या रहा हाल
फ्रंट क्रैश टेस्ट में कार का स्ट्रक्चर स्थिर पाया गया। ड्राइवर और आगे बैठे यात्री के सीने को ठीक ठाक सुरक्षा मिली। लेकिन साइड इम्पैक्ट टेस्ट में सीने की सुरक्षा कमजोर रही। इसी कमी ने कुल सेफ्टी रेटिंग को नीचे गिरा दिया और बलेनो को बड़ा झटका लगा।
चाइल्ड सेफ्टी में पीछे की सीट ने दिखाई मजबूती
चाइल्ड सेफ्टी के मामले में पीछे की सीट पर आइसोफिक्स के जरिए रियर फेसिंग चाइल्ड सीट लगाने पर बेहतर नतीजे सामने आए। वहीं फ्रंट पैसेंजर सीट पर सभी चाइल्ड सीट इंस्टॉलेशन फेल हो गए। इससे साफ होता है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए सही सीट और सही जगह का चयन बेहद जरूरी है।
छह एयरबैग्स वाले वर्जन में सुधरा अडल्ट सेफ्टी स्कोर
दो एयरबैग्स वाले वर्जन की टेस्टिंग के बाद सुजुकी ने इस मॉडल में साइड और कर्टन एयरबैग्स को स्टैंडर्ड कर दिया। इसके बाद छह एयरबैग्स वाले वर्जन को दोबारा लैटिन एनकैप टेस्ट में उतारा गया। इस बार कार को 2 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली। अडल्ट सेफ्टी स्कोर बढ़कर 79.38 प्रतिशत तक पहुंच गया जबकि बाकी कैटेगरी के स्कोर लगभग पहले जैसे ही रहे।
भारतीय बाजार की बलेनो पर सीधे लागू नहीं होती यह रेटिंग
यह बात समझना बहुत जरूरी है कि भले ही यह बलेनो भारत में बनी हो लेकिन यह सेफ्टी रेटिंग सीधे तौर पर भारतीय बाजार में बिकने वाली बलेनो पर लागू नहीं होती। अलग अलग देशों में सेफ्टी फीचर्स और नियम अलग होते हैं। इसलिए भारतीय ग्राहकों को स्थानीय मॉडल के फीचर्स पर ही भरोसा करना चाहिए।
सेफ्टी को लेकर बढ़ता जागरूकता का दौर
दोस्तों आज के समय में कार सिर्फ आराम या माइलेज का साधन नहीं रही बल्कि सेफ्टी सबसे बड़ा मुद्दा बन चुकी है। लैटिन एनकैप जैसे टेस्ट उपभोक्ताओं को सही जानकारी देते हैं ताकि वे सोच समझकर फैसला ले सकें।
