पटना: महिला डॉक्टर का हिजाब खींचे जाने की घटना के विरोध में ऐपवा का प्रदर्शन
पटना। अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) ने शुक्रवार को एक महिला डॉक्टर का हिजाब खींचे जाने की घटना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। ऐपवा ने आज यहां बुद्ध स्मृति पार्क के पास एक महिला डॉक्टर को प्रमाण-पत्र प्रदान करने के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा सार्वजनिक रूप से नक़ाब खींचे जाने की घटना को शर्मनाक बताते हुए ज़ोरदार प्रदर्शन किया ।
ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने इस अवसर पर कहा कि इस घटना ने न केवल एक महिला डॉक्टर की गरिमा को ठेस पहुँचाई है, बल्कि पूरे बिहार की महिलाओं को अपमानित किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह आचरण अत्यंत निंदनीय और अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि यह घटना महिलाओं की मर्यादा, उनके व्यक्तिगत अधिकारों और संवैधानिक स्वतंत्रताओं पर खुला हमला है और बिहार के मुख्यमंत्री श्री कुमार को इस कृत्य के लिए सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान प्रत्येक महिला को यह अधिकार देता है कि वह अपनी पसंद, आस्था और धार्मिक पहचान के अनुसार वस्त्र धारण करे। किसी भी उच्च पद पर बैठे व्यक्ति को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी महिला की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन करे। उन्होंने इस पूरे मामले पर सर्वोच्च न्यायालय से स्वतः संज्ञान लेने की अपील भी की।
इस संबंध में भारत कि भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा माले) के पूर्व विधायक महबूब आलम ने कहा कि इस घटना के बाद भाजपा नेताओं के साम्प्रदायिक नफ़रत फैलाने वाले बयान सामने आ रहे हैं, जो स्थिति को और गंभीर बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता के संरक्षण में महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमले की यह प्रवृत्ति लोकतंत्र के लिए ख़तरनाक है।
इस प्रदर्शन को विधान परिषद सदस्य शशि यादव, दिव्या गौतम, वंदना प्रभा, ऐपवा की नगर सचिव अनुराधा, राखी मेहता, गुलशन जहाँ और विभा सहित कई महिलाओं ने संबोधित किया। उन्होंने एक स्वर में इस घटना की निंदा की और महिलाओं की गरिमा तथा अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष तेज़ करने का आह्वान किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया और आयुष डॉक्टर नुसरत से अपील की कि वे बिहार न छोड़ें और अपनी नौकरी शुरू करें। वक्ताओं ने कहा कि बिहार की महिलाएँ डॉ नुसरत के साथ हैं और वह जो भी निर्णय लेंगी, उसका सम्मान किया जाएगा।
