दहेज उत्पीड़न मामले में वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत’..पत्नी से क्रूरता करने का था आरोप
रांची। झारखंड उच्च न्यायालय ने भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के एक सेवारत स्क्वाड्रन लीडर को दहेज उत्पीड़न के मामले में अग्रिम जमानत प्रदान की है। अधिकारी पर पत्नी से दहेज लेने और उसके साथ क्रूरता करने का आरोप लगाया गया था।
अदालत ने इस पूरे मामले को “असाधारण और अजीब” करार देते हुए कहा कि इसमें देश की सेवा कर रहे एक अधिकारी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता दांव पर लग गई थी।मामले की सुनवाई कर रहे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की एकल पीठ ने टिप्पणी की कि याचिकाकर्ता जांच में सहयोग कर रहा था और न तो फरार था और न ही उसने जांच से बचने का प्रयास किया। इसके बावजूद उसके खिलाफ इश्तेहार जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई, जिससे उसकी स्वतंत्रता गंभीर रूप से प्रभावित हुई।
अदालत को बताया गया कि याचिकाकर्ता भारतीय वायु सेना में सेवारत स्क्वाड्रन लीडर है, जबकि उसकी पत्नी पेशे से डेंटल सर्जन और लेक्चरर है। याचिकाकर्ता का कहना था कि उसकी पत्नी उसके साथ रहने को तैयार नहीं थी, जबकि वह स्वयं वैवाहिक जीवन को पुनः सामान्य बनाने की इच्छा रखता था।
इस मामले में आरोपी बनाए गए याचिकाकर्ता के परिवार के अन्य सदस्यों को पहले ही अग्रिम जमानत मिल चुकी है। याचिकाकर्ता के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) को जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा पहले ही निरस्त कर दिया गया था। इसके बाद उच्च न्यायालय ने भी मामले की परिस्थितियों को देखते हुए याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत प्रदान कर दी।
