भारत-न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौता सम्पन्न, मोदी-लक्सन की टेलीफोन वार्ता के बाद हुई घोषणा
नयी दिल्ली। सरकार ने वैश्विक बाजार में भारतीय इकाइयों के लिए अवसर बढ़ाने की दिशा में निरंतर किये जा रहे प्रयासों के बीच सोमवार को न्यूजीलैंड के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) सम्पन्न होने की घोषणा की जो इस साल ब्रिटेन और ओमान के साथ हुए व्यापक आर्थिक सहयोग के समझौतों के बाद भारत का तीसरा समझौता है।
यह समझौता सेवाओं के क्षेत्र में न्यूज़ीलैंड का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी प्रस्ताव है, जिससे सूचना प्रौद्योगिकी, पेशेवर सेवाएं, शिक्षा, वित्तीय सेवाएं, पर्यटन, निर्माण और अन्य व्यावसायिक सेवाओं में भारतीय सेवा प्रदाताओं के लिए नए अवसर खुलेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की न्यूजीलैंड और प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के बीच आज टेलीफोन पर बातचीत के बाद भारत-न्यूजीलैंड एपुटीए की संयुक्त रूप से घोषणा की गयी। दोनों प्रधानमंत्रियों की इसी वर्ष मार्च में हुई बातचीत के बाद दोनों देशों ने व्यापार समझौते की बातचीत शुरू की थी। दोनों नेताओं ने कहा कि नौ महीने के रिकार्ड कम समय में समझौता वार्ता का पूरा होना साझा महत्वाकांक्षा और राजनीतिक इच्छाशक्ति को दिखाता है। दोनों पक्षों ने कहा है कि यह समझौता दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग को मजबूत करेगा।
उन्होंने कहा है कि इस एफटीए से दोनों देशों के बीच संबंधों का और विस्तार होगा और द्विपक्षीय आर्थिक संबंध मजबूत होंगे । इससे व्यापार में वृद्धि के साथ एक दूसरे के यहां निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इस समझौते की व्यवस्थाओं से दोनों देशों में नवाचार में लगे लोगों, उद्यमियों, किसानों, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई), छात्रों और युवाओं के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के नये मौके भी पैदा होंगे।
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने इस समझौते को अपने देश के लिए एक ऐतिहासिक अवसर बताया। उन्होंने मोदी के साथ अपनी टेलीफोन वार्ता के बाद एक बयान में कहा, 'मुझे इस बात की हार्दिक प्रसन्नता है कि मेरी पिछली भारत यात्रा के दौरान मैंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस समझौते की बातचीत शुरू की थी और उसके केवल नौ माह के अंदर ही व्यापार मंत्री टॉड मैकक्ले ने भारत के साथ व्यापार मंत्री (पीयूष गोयल) के साथ मिल कर यह समझौता सम्पन्न कर दिया है।'
उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में भारत के साथ व्यापार समझौते के वादे को अभियान का मुद्दा बनाया । दोनों देशों ने इस पर प्रतिबद्धता से काम किया। यह बुनियादी चीजों को ठीक करने तथा भविष्य का निर्माण करने वाला करार है।
लक्सन ने कहा, 'भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है और सबसे तेजी से वृद्धि कर रही बड़ी अर्थव्यवस्था है-इससे न्यूजीलैंड के लोगों के लिए रोजगार , निर्यात और आर्थिक वृद्धि के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि एक भरोसेमंद देश के साथ बहुत अच्छी तरह से किया गए इस समझौते से न्यूजीलैंड को विस्तृत और दीर्घावधिक लाभ होंगे।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री गोयल ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और लक्सन के मार्गदर्शन और नेतृत्व में हुआ यह समझौता दोनों देशों के आपसी संबंधों में एक ऐतिहासिक मुकाम है। गोयल ने बताया कि इस एफटीए के मजबूत आधार के साथ दोनों नेताओं ने अगले पांच सालों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने और अगले 15 सालों में न्यूजीलैंड से भारत में 20 अरब अमेरिकी डॉलर (17.91 अरब रुपये) के निवेश पर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि मोदी और लक्सन ने द्विपक्षीय सहयोग के अन्य क्षेत्रों खेल, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों का आदान-प्रदान में हुयी प्रगति का भी स्वागत किया दोनों नेताओं ने भारत-न्यूजीलैंड साझेदारी को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी है।
उन्होंने बताया कि भारत के 100 प्रतिशत माल को न्यूजीलैंड के बाजार में शून्य आयात शुल्क पर प्रवेश मिलेगा। भारत ने अपने यहां आयात किये जाने वाले 70 प्रतिशत प्रकार के माल पर न्यूजीलैंड को शुल्क उदारीकरण का लाभ देने की प्रतिबद्धता की है जिसमें वहां से आने वाले 95 प्रतिशत माल पर फायदा होगा।
इस समझौते पर बातचीत 16 मार्च को शुरू हुई थी और इसमें जो सहमति बनी है उसके तहत भारत के वस्त्र, फार्मास्यूटिकल्स, चमड़ा, इंजीनियरिंग वस्तुएं और कृषि उत्पादों सहित सभी भारतीय निर्यातों के लिए बड़े अवसर खुले हैं। वाणिज्य मंत्री गोयल ने कहा कि न्यूज़ीलैंड ने भारत को अब तक की सबसे बेहतर बाज़ार पहुंच और सेवाओं का प्रस्ताव दिया है, जिसमें कंप्यूटर-संबंधित सेवाएं, पेशेवर सेवाएं, ऑडियो-विजुअल सेवाएं, दूरसंचार, निर्माण, पर्यटन और यात्रा से जुड़ी सेवाएं शामिल हैं। इसी तरह 118 सेवा क्षेत्रों में कवरेज और लगभग 139 उप-क्षेत्रों में सबसे अधिक वरीयता प्राप्त देशों के समान अवसर (एमएफएन) प्रतिबद्धता दी गई है।
उन्होंने कहा कि यह समझौता छात्रों के आवागमन को बढ़ावा देता है। न्यूज़ीलैंड में पढ़ाई के बाद वहां काम करने के लिए वीज़ा और पेशेवर मार्गों में संख्या की कोई सीमा नहीं होगी। छात्र वैश्विक शिक्षा को वैश्विक अनुभव में बदल सकेंगे। विज्ञान, गणित, इंजीनियरिंग और प्रबंधन-शात्र विषयों में स्नातक और परास्नातक छात्रों को 3 वर्ष तक तथा डॉक्टरेट छात्रों को 4 वर्ष तक पोस्ट-स्टडी वर्क अधिकार मिलेंगे। 5,000 पेशेवरों के लिए अस्थायी रोजगार प्रवेश वीज़ा और 1,000 वर्क एंड हॉलीडे वीज़ा का विशेष कोटा निर्धारित किया गया है।
वाणिज्य मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार सेब, किवी और शहद के लिए उत्कृष्टता केंद्रों (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) के माध्यम से कृषि उत्पादकता साझेदारी की स्थापना से उत्पादकता और किसानों की आय में वृद्धि होगी। कृषि सहयोग के साथ-साथ घरेलू उत्पादकों की सुरक्षा के लिए सेब, किवी और शहद के आयात को कोटा और न्यूनतम आयात मूल्य से जोड़ा गया है। किसानों और घरेलू उद्योग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डेयरी, कॉफी, दूध, क्रीम, पनीर, दही, व्हे, केसिन, प्याज़, चीनी, मसाले, खाद्य तेल और रबर को बाज़ार पहुंच से बाहर रखा गया है।
इस समझौते के तहत भारत ने विनिर्माण क्षेत्र के लिए कच्चे माल के तौर पर वहां से लकड़ी के लट्ठे, कोकिंग कोयला, धातुओं का कचरा और स्क्रैप को शुल्क मुक्त रखा है।
गोयल ने कहा कि न्यूजीलैंड के साथ यह करार भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत की आर्थिक और रणनीतिक सहभागिता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा, 'यह मुक्त व्यापार समझौता लोगों के इर्द-गिर्द व्यापार निर्माण और अवसरों के सृजन के बारे में है—हमारे किसानों, उद्यमियों, छात्रों, महिलाओं और नवप्रवर्तकों के लिए। यह कृषि उत्पादकता बढ़ाकर किसानों की आय में वृद्धि करता है और हमारे युवाओं को वैश्विक मंच पर सीखने, काम करने और आगे बढ़ने के अवसर देता है।"
वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने इसे "शुल्क, कृषि उत्पादकता, निवेश और प्रतिभा पर आधारित नई पीढ़ी का व्यापार समझौता" बताया।
मोदी सरकार के सत्ता संभालने के बाद भारत का फोकस विकसित देशों के साथ समझौते करने पर है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री गोयल का कहना है कि ऐसे देशों के साथ समझौता परस्पर पूरकता का लाभ प्रदान करता है। भारत ने पिछले कुछ वर्ष में मॉरीशस, आस्ट्रेलिया और यूएई तथा चार यूरोपीय देशों के मुक्त व्यापार संघ (यूएफटीए) के साथ भी एफटीए किये हैं।
यूरोपीय संघ (ईयू), अमेरिका, कनाडा और इजरायल तथा लातीनी अमेरिकी देशों ब्राजील, अर्जेंटीना, उरुग्वे और पैराग्वे के क्षेत्रीय संघ मर्कोसूर के साथ भी मुक्त व्यापार समझौते की बातचीत कर रहा है।
