रामपुर तिराहा कांड की 31वीं बरसी आज, अपर जिला जज शक्ति सिंह ने तीन दशक पहले जगाई थी न्याय की अलख
जनता बोली– देर से सही पर मिला न्याय, कई अभियुक्त अभी है जेल में बंद !

मुजफ्फरनगर। ऐतिहासिक रामपुर तिराहा कांड को आज 31 वर्ष पूर्ण हो गए। उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान 2 अक्टूबर 1994 को घटित इस हृदयविदारक घटना की यादें आज भी जनमानस के मन में ताजा हैं।
इस अवसर पर आमजन, सामाजिक संगठनों और उत्तराखंड आंदोलन से जुड़े लोगों ने उस ऐतिहासिक न्याय की घड़ी को भी स्मरण किया, जब वर्ष 2024 में तत्कालीन अपर जिला जज, मुजफ्फरनगर शक्ति सिंह ने इस प्रकरण में न्याय का दीप प्रज्ज्वलित किया था।
शक्ति सिंह, जो वर्तमान में अपर जिला जज/विशेष न्यायाधीश (एम.पी./एम.एल.ए.) गाजीपुर के पद पर कार्यरत हैं, ने 18 मार्च 2024 को अपने ऐतिहासिक निर्णय में दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाकर जनता का विश्वास न्यायपालिका में पुनः स्थापित किया था।
जनता ने कहा कि “जब तीन दशक बाद न्याय की उम्मीद लगभग समाप्त हो चली थी, तब न्यायाधीश शक्ति सिंह ने अपने निर्णय से यह साबित कर दिया कि सत्य और न्याय की विजय देर से सही, पर निश्चित होती है।”
वर्तमान में उक्त प्रकरण के अभियुक्त एक वर्ष से अधिक समय से जेल में निरुद्ध हैं तथा उनकी अपील माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
बरसी के अवसर पर लोगों ने एक बार फिर आंदोलन की पीड़ा, न्याय की उम्मीद और सच्चे न्यायाधीश की निष्ठा को भावपूर्ण रूप से याद किया।
एक अक्टूबर 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली की ओर रवाना हुए थे। इसी दौरान रामपुर तिराहा (मुजफ्फरनगर) में हुई पुलिस कार्रवाई में सात आंदोलनकारियों की मृत्यु हुई थी।
घटना के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने जांच प्रारंभ की और 25 जनवरी 1995 को पुलिसकर्मियों के विरुद्ध मुकदमे दर्ज किए। पहले यह मामला विशेष अदालत में चल रहा था, लेकिन उत्तराखंड संघर्ष समिति की मांग पर हाईकोर्ट ने अपर जिला जज संख्या-7 मुजफ्फरनगर के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह को इस मामले की सुनवाई के लिए अधिकृत किया।
उन्होंने लगातार सुनवाई कर मात्र एक वर्ष में फैसला सुनाकर न्याय का नया इतिहास रचा।
18 मार्च 2024 को न्यायालय ने पहली पत्रावली में दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
कोर्ट के फैसले के बाद अभियुक्तों को जेल ले जाती पुलिस की तस्वीर आज भी लोगों के मन में अंकित है।
न्यायाधीश शक्ति सिंह : न्याय के प्रति समर्पण का प्रतीक
अपर जिला जज शक्ति सिंह ने मुजफ्फरनगर में अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण और चर्चित मामलों में न्यायपूर्ण निर्णय दिए हैं ।
महमूदनगर के चर्चित सामूहिक हत्याकांड में 36 अभियुक्तों को सजा सुनाई।
बेबी किलर शाहनवाज उर्फ प्लास्टिक केस का निर्णायक निस्तारण किया।
और रामपुर तिराहा कांड में भी न्याय देकर इतिहास रचा।
आज की बरसी केवल एक दर्दनाक घटना की याद नहीं, बल्कि न्याय और सच्चाई की विजय का प्रतीक दिवस भी बन गई है।
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