आरएसएस संस्थापक को भारत रत्न देने की मांग पर सपा सांसद का तंज, संघ समाज को बांटने का काम करती है

आगरा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को भारत रत्न प्रदान करने की मांग के बाद राजनीति गरमा गई है। इस पर समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
रामजीलाल सुमन ने तंज कसते हुए कहा कि आखिर ऐसी मांग क्यों की जा रही है? अगर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहेंगे तो डॉ. हेडगेवार को भारत रत्न मिल ही जाएगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब सावरकर का चित्र संसद भवन (अब संविधान भवन) के केंद्रीय कक्ष में लगाया जा सकता है और एक एयरपोर्ट का नाम उनके नाम पर रखा जा सकता है, तो हेडगेवार को भी सम्मान और भारत रत्न मिलना तय है। सपा सांसद ने यह भी कहा कि सरकार की मंशा पहले सावरकर को भारत रत्न देने की है।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि इस साल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं, लेकिन देश की आजादी की लड़ाई में संघ का कोई योगदान नहीं रहा है। सुमन ने आरोप लगाया कि “समाज को बांटने का काम अगर किसी संगठन ने किया है तो वह आरएसएस है।” उन्होंने यह भी कहा कि आज योजनाबद्ध तरीके से इन सब चीजों को महिमामंडित करने का काम हो रहा है। व्यंग्यात्मक लहजे में उन्होंने कहा, “भविष्य में ना जाने किसकी सरकार बने, इसलिए मेरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विनम्र प्रार्थना है कि वे स्वयं भी भारत रत्न ले लें, तो यह उनकी बड़ी कृपा होगी।”
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को भेजे गए पत्र में यह आग्रह किया गया है कि डॉ. हेडगेवार के राष्ट्र निर्माण में दिए गए अतुलनीय योगदान को सम्मानित किया जाए। पत्र में कहा गया है कि डॉ. हेडगेवार न केवल एक स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि राष्ट्रवाद के प्रणेता और संगठन निर्माण की अद्भुत क्षमता रखने वाले दूरदर्शी नेता थे। उनके जीवन और विचारों से आज भी करोड़ों लोग प्रेरणा ले रहे हैं।