शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस सांसद ने लोकसभा में दिया स्थगन प्रस्ताव, एसआईआर प्रक्रिया रोकने की मांग
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने सोमवार को लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग की गई है।
सांसद ने कहा कि बीएलओ शिक्षक दिन-रात काम करने को मजबूर हैं। वे कक्षा और चुनावी कार्य के बीच फंसे हुए हैं। कई लोग थकावट के कारण गिर पड़े, कुछ की मौत हो गई और कुछ ने आत्महत्या तक कर ली। इसके बावजूद चुनाव आयोग ने अब तक कोई जांच नहीं कराई है और न ही राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों के हिसाब से बीएलओ की मौतों के आंकड़े जारी किए हैं। टैगोर ने इसे 'संस्थागत क्रूरता' करार दिया। उन्होंने कहा कि न तो आत्महत्याओं की निगरानी की कोई व्यवस्था है, न मानसिक स्वास्थ्य सहायता, न मुआवजा प्रावधान और न किसी प्रकार का आपातकालीन प्रोटोकॉल। उन्होंने कहा कि आम जनता भी इस प्रक्रिया की वजह से भ्रम, घबराहट, बार-बार होने वाले सत्यापन और अविश्वास की स्थिति से गुजर रही है।
कांग्रेस सांसद ने कहा, "जब मतदाता सूची तैयार करने वाले कर्मचारी ही भारी दबाव में गिरने लगें, तो लोकतंत्र की विश्वसनीयता भी गिर जाती है।" लोकसभा के सामने उन्होंने पांच प्रमुख मांगें रखीं। 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एसआईआर प्रक्रिया को तुरंत निलंबित किया जाए। हर एक बीएलओ की मौत और आत्महत्या की राष्ट्रीय स्तर पर पूरी जांच की जाए। प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए। चुनावी प्रक्रियाओं में सुधार कर बीएलओ को सुरक्षित वातावरण मिले और चुनाव आयोग को तलब कर इस अव्यवस्थित लागू प्रक्रिया का स्पष्टीकरण मांगा जाए।
