मुरादाबाद में बीएलओ की आत्महत्या: चार बेटियों के पिता ने तनाव में उठाया जानलेवा कदम, सुसाइड नोट में व्यक्त की पीड़ा
Moradabad blo suicide: मुरादाबाद में एक दर्दनाक घटना ने शिक्षा विभाग और स्थानीय समाज को झकझोर कर रख दिया। कंपोजिट विद्यालय जाहिदपुर सीकमपुर में सहायक अध्यापक और बीएलओ (भाग संख्या 406) सर्वेश सिंह ने रविवार सुबह अपने कमरे में फंदे पर लटककर आत्महत्या कर ली। उनके पास से मिला सुसाइड नोट न केवल उनके मानसिक दर्द को उजागर करता है, बल्कि उनके चार छोटी बेटियों के लिए चिंता और जिम्मेदारी की गहरी भावनाओं को भी बयां करता है।
बीएलओ का सुसाइड नोट: जिम्मेदारी और परिवार के लिए चिंता का प्रमाण
सुसाइड नोट में सर्वेश सिंह ने विस्तार से लिखा कि एसआईआर गणना का लक्ष्य पूरा न कर पाने और लगातार मानसिक दबाव में रहने के कारण उन्होंने यह कदम उठाया। उन्होंने डायरी के दो पन्नों पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए स्पष्ट किया कि यह पूरी जिम्मेदारी केवल उनकी है और उनके परिवार का कोई दोष नहीं।
सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा, "आई एम सॉरी। इसका केवल मैं जिम्मेदार हूं, किसी का कोई दोष नहीं।" उन्होंने यह भी लिखा कि उनके न रहने के बाद किसी पर कोई दोष न लगाया जाए।
शिक्षक की व्यथा: स्वास्थ्य और परिवार की चिंता ने बढ़ाया तनाव
सर्वेश सिंह ने यह भी बताया कि उनकी चार बेटियों में से दो कई दिनों से बीमार चल रही थीं। लगातार काम के दबाव और परिवार की चिंता ने उनके मानसिक संतुलन को कमजोर कर दिया। उन्होंने सुसाइड नोट में साफ लिखा, "बहुत टेंशन में हूं।"
उन्होंने अधिकारियों से अनुरोध किया कि उनके परिवार को ज्यादा परेशान न किया जाए और जो भी उनके सेवा में राशि बनी है, वह उनकी पत्नी को मिले ताकि बेटियों का भविष्य सुरक्षित रहे।
अंतिम शब्द और भावनात्मक अपील: बच्चों और शिक्षा के प्रति स्नेह
सर्वेश सिंह ने अपने अंतिम पन्नों में बच्चों के प्रति स्नेह और शिक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी व्यक्त की। उन्होंने लिखा, "आई लव माय स्टाफ… आई एम सॉरी। विद्यालय के बच्चों को मेरा बहुत-बहुत प्यार… मन लगाकर पढ़ना मेरे बच्चों।"
उन्होंने यह भी लिखा कि अगर समय थोड़ा और होता तो शायद काम पूरा कर देते, क्योंकि वह पहली बार बीएलओ बने थे। उनकी डायरी के मार्मिक शब्दों ने पूरे शिक्षा विभाग और गांव में गहरा सदमा पहुँचाया है।
