मनरेगा का नाम बदलने के विरोध में विपक्ष ने संसद भवन में निकाला मार्च, पूछा-क्या है परेशानी
नई दिल्ली। मनरेगा का नाम बदलने को लेकर विपक्ष लगातार प्रदर्शन कर रहा है। गुरुवार को विपक्ष के सांसदों ने संसद भवन में मार्च निकालकर अपना विरोध जताया। विपक्ष ने सवाल किया कि भाजपा को महात्मा गांधी से क्या परेशानी है, जो योजना का नाम बदल रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "यह सिर्फ नाम बदलने की बात नहीं है। मनरेगा अधिकारों के बारे में है। काम का अधिकार जो हमने दिया था, वह छीना जा रहा है।
भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा, "वे मूल रूप से गांधी की विचारधारा के विरोधी रहे हैं। भाजपा को गांधी से इतनी नफरत क्यों है, ये बात समझ में नहीं आती। नाम बदलने की आवश्यकता क्यों पड़ रही है? भाजपा वाले केवल औपचारिकता के नाम पर काम कर रहे हैं। ये लोग जिस तरह से काम कर रहे हैं वो देश के लिए सही नहीं है।" सांसद एन.के. प्रेमचंद्रन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि हमारा सबसे पहला विरोध है कि इसमें से महात्मा गांधी का नाम क्यों हटाया गया है। केंद्र सरकार जिस तरह से काम कर रही है, वह देश के लिए सही नहीं है। सरकार को जनता के हित में काम करना चाहिए। सांसद सुदामा प्रसाद ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि भाजपा गलत काम कर रही है। ये लोग जानकर कुछ-कुछ बात लेकर आ जाते हैं, जिससे लोगों को असली मुद्दे से भटकाया जा सके।
इसमें पहले केंद्र सरकार का 90 प्रतिशत हिस्सा था, उसे घटाकर 60 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे राज्य सरकार को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। साथ ही इन्होंने योजना में कई ऐसे बदलाव किए हैं जिससे मजदूरों का नुकसान होगा। एसपी सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, "यह देश के गरीब लोगों को और गरीब बनाने की साजिश है। भाजपा सरकार लोगों के साथ अन्याय कर रही है और अपने हित में काम कर रही है। सांसद उज्ज्वल रमण सिंह ने कहा कि सरकार इसकी गंभीरता को समझ नहीं रही है। उनको लगता है कि दो महीने में सब ठीक हो जाएगा, लेकिन ऐसा होने वाला नहीं है। ये लोग एक समस्या आई और एक चली गई, इसको लेकर बात करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
हम लोगों का मानना है कि ये दीर्घकालिक समस्या है और इसका जल्द से जल्द समाधान होना चाहिए। प्रदूषण पर सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, "असल में, बहुत से अमीर लोग दिल्ली आए हैं। अगर उन्हें बाजार जाना हो या घर से निकलना हो, तो वे अलग-अलग गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं। सरकार को ऐसे फालतू खर्च पर रोक लगानी चाहिए। किसी को भी एक से ज्यादा कार रखने की इजाजत नहीं होनी चाहिए।" कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, "शहरीकरण के नाम पर अगर आप सारे पेड़ काट देंगे तो आप प्रदूषण को कैसे कंट्रोल कर पाएंगे? सरकार प्रदूषण को कम करने में नाकाम साबित हो रही है, जिससे देश के नागरिकों को परेशानी हो रही है।"
