कानपुर: पॉर्न वीडियो का डर दिखाकर लोगों से वसूली करने वाला साइबर गिरोह बेनकाब, दो भाई समेत पांच गिरफ्तार
कानपुर। मोबाइल में पॉर्न वीडियो देखने का डर पैदा कर भोले-भाले लोगों को के मन में खौफ पैदा कर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को दो भाइयों समेत पांच साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। शातिर डीसीपी रैंक का अधिकारी बनकर पीड़ित को धमकाने व कानूनी कार्रवाई न करने के बदले मोटी रकम की डिमांड करते थे। इसके अलावा डिजिटली माफीनामा भी मांगते थे। पुलिस ने ठगों को न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया है।
पुलिस उपायुक्त अपराध अतुल श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि श्रावस्ती के रहने वाले पीड़ित प्रमोद कुमार ने क्राइम ब्रांच को तहरीर देते हुए बताया था कि उनके पास एक अनजान नंबर से कॉल आया था। जिसने खुद को डीसीपी रैंक का अधिकारी बताया। फिर कहा कि आपके मोबाइल के डाटा को एकत्रित किया गया। तो उसमें यह खुलासा हुआ है कि आप काफी समय से मोबाइल में पॉर्न वीडियो देख रहे हैं। आपके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। कुछ ही देर में आपके घर पुलिस पहुंचकर गिरफ्तार करने वाली है। यदि आपको इस कानूनी कार्रवाई से बचना हो तो हमारे द्वारा भेजे गए क्यूआर कोड को स्कैन करते हुए 50 हजार रुपये भेज दो। इसके अलावा आपको एक माफीनामा भी लिखकर देना होगा।
इस पर पीड़ित ने कहा कि मेरे पास इतने रुपये नहीं हैं। जिस पर ठग ने कहा जितने हो उतने ही कर दो। इस तरह से ठग ने उनसे 46 हजार ट्रांसफर करा लिए। घटना के कुछ दिनों बाद उन्होंने घटना जिक्र अपने एक परिचित से किया। जिस पर परिचित ने कहा कि तुम ठगी का शिकार हुए हो। इसके बाद पीड़ित प्रमोद ने अज्ञात ठग के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
पुलिस ने सर्विलांस की सहायता से कानपुर देहात निवासी सुरेश, दिनेश (सगे भाई), पंकज सिंह, कानपुर के बर्रा निवासी अमन विश्कर्मा और विनय सोनकर को गिरफ्तार कर लिया। शातिरों ने अपना सेटअप कानपुर देहात के जंगलों में बना रखा था। यहीं से पांचो ठगी का गोरख शधंधा चलाते थे। आरोपितों के पास से चार मोबाइल, एक डेबिट कार्ड, 2600 रुपये नकद, एक बाइक, व्हाट्सएप चैट, कॉल रिकॉर्डिंग और कुछ फर्जी कागजात भी मिले हैं।
शातिरों ने बताया कि अभी तक उन्होंने सात से आठ लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। सोमवार से शुक्रवार तक वह काम करते और शनिवार व रविवार को ठगी की रकम से मौज मस्ती करते थे। फिलहाल पुलिस यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि उनके गिरोह में और कौन-कौन लोग शामिल हैं।
