वृंदावन के कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने पर अखिलेश और चंद्रशेयखर ने उठाए संवैधानिक सवाल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को पुलिस द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने को लेकर विवाद बढ़ गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और सांसद चंद्रशेखर आजाद ने योगी सरकार और यूपी पुलिस पर सवाल उठाए हैं।
सांसद चंद्रशेखर आजाद ने इस घटना को संविधान पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि भारत कोई मठ नहीं बल्कि संवैधानिक गणराज्य है, और राज्य किसी धर्म विशेष की जागीर नहीं है। उनका आरोप है कि कथावाचक को पुलिस द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर देना सिर्फ एक प्रशासनिक गलती नहीं, बल्कि संवैधानिक शक्ति का दुरुपयोग है। उन्होंने चेतावनी दी कि राज्य धीरे-धीरे अपने संवैधानिक चरित्र को त्याग रहा है और धार्मिक सत्ता के सामने नतमस्तक हो रहा है।
दरअसल, 17 नवंबर को बहराइच में पुलिस लाइन में पुंडरीक गोस्वामी के लिए कथा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस दौरान उन्हें रेड कारपेट पर बैठाया गया और पुलिस ने सलामी दी। चंद्रशेखर ने कहा कि यह सलामी और परेड संविधान, राष्ट्र और शहीदों के नाम पर होती है, किसी कथावाचक या धार्मिक नेता के रुतबे के लिए नहीं।
उन्होंने संविधान की धाराओं का हवाला देते हुए कहा कि अनुच्छेद 15 धर्म के आधार पर विशेषाधिकार देना असंवैधानिक मानता है, और अनुच्छेद 25-28 राज्य को धर्म से दूरी बनाए रखने का निर्देश देते हैं। चंद्रशेखर ने स्पष्ट कहा कि संविधान सर्वोच्च है, राज्य का कोई धर्म नहीं होता।
इस पूरे मामले ने उत्तर प्रदेश में प्रशासन और धार्मिक आस्था के बीच संवैधानिक सीमाओं को लेकर बहस छेड़ दी है।
