राज्यसभा में पीएम मोदी का संदेश – सदन की मर्यादा लोकतंत्र की असली ताकत
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन राजनीतिक तापमान पूरी तरह गर्म दिखाई दिया। सरकार और विपक्ष के बीच टकराव के संकेत पहले से मौजूद थे, लेकिन इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में एक महत्वपूर्ण और मर्यादा से भरा संदेश दिया।
प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि जनता की आवाज बनकर सदन में पहुंचना लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने सभी दलों को बिना हंगामे और शोर-शराबे के अपनी बात रखने पर जोर देते हुए कहा कि अव्यवस्था और अराजकता संसद की गरिमा को नुकसान पहुंचाती है।
सत्र शुरू होने से पहले ही संकेत मिल चुके हैं कि इस बार चुनावी सुधार, महंगाई, बेरोजगारी और कई राष्ट्रीय मुद्दों पर गहरी और तीखी बहस हो सकती है। ऐसे माहौल में प्रधानमंत्री का संदेश विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के लिए स्पष्ट दिशा देता हुआ नजर आया।
शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन को अनुशासन, जिम्मेदारी और लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करने की नसीहत देकर सत्र की शुरुआत को सकारात्मक दिशा देने की कोशिश की है। अब यह देखना बाकी है कि आने वाले दिनों में उनकी अपील सदन में कितना असर दिखाती है।
