श्रीलंका में चक्रवात 'दित्वा' से भीषण तबाही: 10 लाख से अधिक लोग प्रभावित, मृतकों की संख्या 334 हुई
कोलंबो। श्रीलंका में चक्रवाती तूफान दित्वा से बड़ी तबाही हुई है। 10 लाख अधिक लोग प्रभावित हुए है। आधिकारिक तौर पर अब तक 334 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है। देश हाल के वर्षों में अपनी सबसे बुरी कुदरती आफतों में से एक से जूझ रहा है। खराब मौसम के कारण पूरा द्वीप बाढ़ से घिर गया है। भूस्खलन ने आवागमन के साधनों को लील लिया है।
सीलोन टुडे की रिपोर्ट के अनुसार 30 नवंबर की शाम छह बजे आपदा प्रबंधन केंद्र ने जानकारी दी कि दित्वा से अब तक 309,607 परिवारों के 1,118,929 लोग प्रभावित हुए हैं। देशभर में मरने वालों की संख्या बढ़कर 334 हो गई है, जबकि 370 लोग अभी भी लापता हैं। दित्वा ने कैंडी जिले में सबसे ज्यादा कहर बरपाया है। अकेले इस जिले में 88 लोगों की जान गई है और 150 लोग लापता हैं। बादुला में 71 मौतें और 53 लोग लापता, नुवारा एलिया में 68 मौतें और 64 लापता और कुरुनेगला में 37 मौतें और 35 लापता बताए गए हैं। करीब 55,747 परिवारों के 196,790 लोग देश भर के 1,494 सुरक्षित केंद्रों में आश्रय लिए हुए हैं। बडुल्ला, गम्पाहा और कोलंबो में सबसे अधिक लोग बेघर हुए हैं।
पुट्टलम जिले में बचाव कार्य में लगा श्रीलंका एयर फ़ोर्स का बेल 212 हेलीकॉप्टर लुनुविला में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में पांच लोग घायल हो गए। कुरुनेगला के मालिसिरिपुरा डिवीजन में हुए भूस्खलन के मलबे में 200 लोगों के दबे होने की आशंका है। कुरुनेगला में सेना ने 164 लोगों को बचाया है। कोलंबो से रेस्क्यू टीम को वेलम्पिटिया और कोहिलावट्टा भेजा गया है। यहां बाढ़ में 20 लोग फंसे हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि आवागमन के सारे संसधान जमींदोज हो चुके हैं। अधिकांश जलाशयों में क्षमता से अधिक पानी भर गया है। इसलिए उनके गेट खोल दिए गए हैं। प्रभावित इलाकों में सेना को स्थिति संभालने को भेजा गया है।
मौसम विज्ञान विभाग ने आगाह किया है कि चक्रवात दित्वा अब तट से लगभग 210 किलोमीटर दूर उत्तर की ओर बढ़ रहा है। इससे आज शाम तक गाले, मटारा, मोनेरागला और नुवारा एलिया समेत कई जिलों में रुक-रुक कर बारिश होने और आंधी-तूफान आने की उम्मीद है।
