लोकसभा में एसआईआर पर दूसरे दिन भी हंगामा: स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष को 'शिष्टाचार' और 'गरिमा' की हिदायत दी
नई दिल्ली। लोकसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार को भी विरोध और नारेबाजी के बीच शुरू हुआ। विपक्षी सांसदों ने एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
लोकतंत्र में विपक्ष होता है, लेकिन गौरव और शिष्टाचार होना चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, जो दुनिया का मार्गदर्शन करता है, हमारी संसदीय परंपराएं और गरिमा उच्चतम स्तर की होनी चाहिए। सदन में विरोध का स्वर कम नहीं हुआ और सदन को दोपहर तक के लिए स्थगित कर दिया गया। बता दें कि शीतकालीन सत्र की शुरुआत उथल-पुथल भरे माहौल में हुई थी, जब सोमवार को लोकसभा में बिहार विधानसभा चुनावों में कथित 'वोट चोरी' के आरोप और एसआईआर प्रक्रिया को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ था।
सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों को असंयमित व्यवहार से बचने की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि संसद में 'ड्रामा' नहीं होना चाहिए और संसदीय ध्यान नीति निर्माण पर होना चाहिए, न कि नारेबाजी पर। मीडिया संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, "ड्रामा करने के लिए बहुत सी जगहें हैं। जो कोई भी करना चाहता है, वह करता रहे। यहां ड्रामा नहीं, बल्कि डिलीवरी होनी चाहिए। नारों के लिए भी पूरा देश मौजूद है, जहां चाहो नारे लगाओ। तुमने वहां नारे लगाए जहां तुम हारे थे, अब वहां नारे लगाओ जहां तुम हारोगे। हालांकि, यहां फोकस नीति पर होना चाहिए, नारों पर नहीं।"
