नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने बुधवार को प्रमुख दलहन उत्पादक और उपभोग करने वाले राज्यों के साथ अरहर और उड़द के स्टॉक खुलासे की स्थिति की समीक्षा की। राज्यों को उपयुक्त अधिनियमों के तहत कालाबाजारी की रोकथाम और अघोषित स्टॉक पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।
उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें आंध्र प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
सरकार के अनुसार, जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन करने के लिए उपभोक्ता मामलों के विभाग ने 12 वरिष्ठ अधिकारियों को विभिन्न राज्यों की राजधानियों और प्रमुख तुअर उत्पादक और व्यापारिक केंद्रों के जिलों में प्रतिनियुक्त किया है ताकि विभिन्न बाजार के खिलाड़ियों, मिलरों और भंडारण संचालकों से जमीनी स्तर पर प्रतिक्रिया प्राप्त की जा सके। उनकी प्रतिक्रिया आगे की कार्रवाई का निर्धारण करेगी।
बैठक के दौरान पंजीकृत संस्थाओं की संख्या और घोषित स्टॉक की मात्रा की राज्य और क्षेत्रवार समीक्षा की गई। साथ ही इस बात पर जोर दिया गया कि आयातक, मिलर, स्टॉकिस्ट और व्यापारी सही जानकारी दें। स्टॉक डिस्क्लोजर पोर्टल में पंजीकृत संस्थाओं की संख्या में वृद्धि हुई है और यह देखा गया है कि कुछ राज्यों में हितधारकों की वास्तविक संख्या अधिक हो सकती है। कुछ राज्यों में उत्पादन और खपत की तुलना में घोषित की गई तुअर के स्टॉक की मात्रा भी कम पाई गई है।
बाजार कवरेज को व्यापक बनाने के लिए राज्य सरकारों को एफएसएसएआई लाइसेंस, एपीएमसी पंजीकरण, जीएसटी पंजीकरण, गोदामों और कस्टम बांडेड गोदामों से संबंधित आंकड़ों को देखने के लिए कहा गया है। राज्यों ने सूचित किया कि वे निगरानी तेज कर रहे हैं।