मुज़फ़्फरनगर। 2013 में मुज़फ़्फरनगर के नगला मडोर की पंचायत में भड़काऊ भाषण देने और निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के मामले में आज भी आरोप तय नहीं हो सके। विशेष अदालत एमपी/एमएलए कोर्ट में पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बाल्यान, पूर्व भाजपा सांसद भारतेन्दु सिंह, साध्वी प्राची, पूर्व भाजपा विधायक उमेश मलिक, अशोक कुमार कंसील, बिट्टू सिकेड़ा, पूर्व भाजपा सांसद सोहनवीर सिंह, और सांसद हरेन्द्र मलिक आदि आरोपी अदालत में पेश हुए थे। हालांकि, कुछ आरोपी अदालत में पेश नहीं हो पाए, जिसके कारण आरोप तय नहीं हो सके।
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विशेष अदालत के पीठासीन अधिकारी देवेन्द्र कुमार फौजदार ने मामले की सुनवाई को 3 जनवरी 2025 तक स्थगित कर दिया है।
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आज के सुनवाई में यूपी मंत्री कपिल देव, पूर्व मंत्री शोक कटारिया, और पूर्व मंत्री सुरेश कुमार राणा भी पेश नहीं हुए।
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मामला 2013 के मुज़फ़्फरनगर दंगे से जुड़ा हुआ है, जिसमें आरोप है कि इन नेताओं ने अपने भाषणों से हिंसा को भड़काया और कानून का उल्लंघन किया।
साध्वी प्राची ने अदालत में पेशी के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि”नगला मंडोर में आयोजित महा हिंदू महापंचायत के मामले में हम कोर्ट में उपस्थित हुए। अगली तारीख मिल गई है। मैंने पहले भी कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में ही संभल जैसे स्थान पर शिवालय की खोज संभव हो सकी है। यह एक ऐतिहासिक कदम है। 1978 से अब तक 200 हिंदुओं को मारा गया, और वे डरकर संभल छोड़ने को मजबूर हुए। मेरा आग्रह है कि जहां-जहां मस्जिदें हैं, वहां खुदाई जरूर कराई जाए। हर मस्जिद के नीचे शिव मंदिर मिलेगा। 2025 तक इसका सत्य सभी के सामने आ जाएगा।” कहा कि “संभल प्रशासन ने मंदिर खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैं उनका धन्यवाद करती हूं। अब सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे सभी मंदिर हिंदुओं को सौंपे जाएं। नेहरू खानदान ने हमेशा आतंकियों का समर्थन किया है, लेकिन अब समय बदल चुका है।”
उमेश मलिक ने कहा कि”2013 में सपा सरकार के दौरान हम पर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए थे। उन्हीं मुकदमों की सुनवाई के लिए हम अदालत में उपस्थित हुए। आज के मामले में 173 की धारा के तहत सुनवाई हुई। अगली तारीख 3 जनवरी 2025 को तय की गई है।” उन्होंने आगे बताया कि, “इस मामले में डॉ. संजीव बालियान, सांसद संदीप सिंह, और अन्य नेता भी शामिल हैं। हमारी लड़ाई सत्य के लिए है और हम न्याय के लिए हर प्रक्रिया का पालन करेंगे।”
वकील श्रवण कुमार ने बताया कि“2013 में नगला मंडोर में हुई पंचायत के बाद थाना सिखेड़ा में एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में कुल 16 आरोपियों को नामजद किया गया है। अगली सुनवाई 3 जनवरी 2025 को होगी। यह मामला दंगों के दौरान पंचायत से संबंधित है, जिसकी जांच चल रही है।”
विशेष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 3 जनवरी 2025 की तारीख तय की है। सभी आरोपियों को उस दिन कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए गए हैं।