नोएडा। आबादी और सामान मुआवजा देने समेत विभिन्न मांगों को लेकर आज भारतीय किसान यूनियन की यमुना एक्सप्रेस-वे के जीरो पाइंट के नीचे किसान महापंचायत हुई। महापंचायत में गौतमबुद्धनगर, हाथरस, एटा, आगरा, मथुरा समेत अन्य जिलों के किसान शामिल हुए। महापंचायत को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत समेत अन्य पदाधिकारियों ने संबोधित किया।
महापंचायत में राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि विगत कई वर्षों से नोएडा, ग्रेटर नोएडा एवं यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के किसान अपने अधिकारों को लेकर निरंतर संघर्षरत हैं। प्राधिकरण द्वारा क्षेत्र के विकास का हवाला देकर किसानों की उपजाऊ एवं पुश्तैनी भूमि औने-पौने दामों पर अधिग्रहित की गई, किंतु दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि आज वही किसान मूलभूत सुविधाओं के लिए भी दर-दर भटकने को विवश है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ मुआवजे की नहीं, बल्कि उस अस्तित्व की है जिसे विकास की फाइलों में कहीं गुम कर दिया गया है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रशासन आबादी की परिभाषा को ठीक से समझने को तैयार नहीं है। किसान के लिए उसका घर सिर्फ चार दीवारें नहीं, बल्कि उसके घेर (बाड़े) भी हैं, जहाँ वह पशुपालन करता है। लेकिन सरकार इन घेर को आबादी में न मानकर किसानों को उनके अधिकार से वंचित कर रही है।
टिकैत ने अरावली की भौगोलिक स्थिति पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अरावली राजस्थान की रेतीली हवाओं को रोकने वाली प्राकृतिक दीवार है। सरकार द्वारा 100 मीटर की कटिंग के आदेशों ने न केवल पर्यावरण बल्कि किसानों की रोजी-रोटी पर भी संकट खड़ा कर दिया है। उन्होंने इस बात को लेकर भारी रोष जताया कि उनकी जमीनें लेकर बनाए गए प्रोजेक्ट्स (जैसे जेवर एयरपोर्ट) में स्थानीय युवाओं को पक्की नौकरी नहीं मिल रही। सरकार अग्निवीर की तरह यहाँ भी ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा दे रही है, जिससे युवाओं का भविष्य अंधकार में है।
वहीं महापंचायत में जेवर एयरपोर्ट परियोजना का मुद्दा भी गरमाया। किसानों ने आरोप लगाया कि विस्थापन और पुनर्वास की प्रक्रिया में भारी गड़बड़ियां हुई हैं। कई परिवार आज भी दर-दर भटक रहे हैं, उन्हें न मुआवजा मिला और न ही रहने के लिए सही जगह। किसानों का कहना है कि हमने कई बार वार्ता की, लेकिन हर बार सिर्फ तारीखें मिलीं। अब आर-पार की जंग होगी। अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो प्रशासन बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहे।
महापंचायत में पवन खटाना, रॉबिन नागर, सुनील प्रधान, राजे प्रधान, मटरू नागर, भगत सिंह प्रधान, बेली भाटी, योगेश भाटी, सोनू बैसला, लाला यादव, ललित चौहान, बृजपाल सिंह, ऋषि शर्मा, शमशाद, साजिद खान, मोहम्मद जाकिर, गुलफाम, अमित डेढा, धर्मेंद्र प्रधान, अमित भाटी, सनी तंवर, रणवीर सिंह, पवन नागर, अनिल धामा, अमित, अतुल चौहान, प्रिंस गैराठी सहित भारी संख्या में किसान मौजूद रहे