Wednesday, November 6, 2024

शुक्रतीर्थ में गंगा में अभी भी आ रहा गंदा काला पानी, साधु संतों में रोष, प्रदूषण विभाग ने फिर लिए सैम्पल

मोरना। पिछले कई दिनों से गंगा में लगातार काला पानी आ रहा है। दूषित व विषैले जलीय जन्तुओं की मौत हो जाने से साधु संतों में रोष व्याप्त हो गया है। प्रदूषण विभाग की टीम ने मंगलवार को पुन: गंगा जल के सैम्पल लेकर प्रयोगशाला में भेजे हैं।

गंगा में दूषित जल छोडने को लेकर शासन प्रशासन की लगातार फजीहत हो रही है। साधु संतों व श्रद्धालुओं ने शीघ्र गंगा को स्वच्छ करने की मांग सरकार से की है। शुकतीर्थ स्थित गंगा में आए काले पानी से क्षुब्ध होकर साधु-संतों व श्रद्धालुओं ने स्नान करना बंद कर दिया है।

बीते 9 मार्च को गंगा घाट पर काले पानी को देखकर रोष व्याप्त हो गया था। 10 मार्च को पहुंची प्रदूषण विभाग की टीम ने गंगा व सोलानी नदी के सैम्पल लिए थे, जिससे यह स्पष्ट हुआ था कि गंगा में काला पानी उत्तराखण्ड क्षेत्र से आ रहा है। जिसके बाद गंगा सेवा समिति के सचिव डॉ. महकार सिंह ने थाना भोपा पर गंगा में दूषित पानी छोडने वाले अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी थी किन्तु अभी तक कोई भी मुकदमा दर्ज न होने से साधु संतों में रोष व्याप्त है।

बीते अक्टूबर 2018 में भी थाना भोपा पर गंगा में दूषित पानी छोडने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, किन्तु प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई न होने से अक्सर गंगा में दूषित पानी आता रहता है। मंगलवार को गंगा घाट शुकतीर्थ पर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड उत्तराखंड के रीजनल ऑफिसर सुभाष पंवार रुड़की, डॉ. शाहिदा परवीन, शदूल नेगी व मुजफ्फरनगर से विपुल कुमार सहायक अभियंता, मनीष यादव व दिवाकर देव गहलोत की टीम ने संयुक्त रूप से गंगा घाट से सोलानी नदी व गंगा से सैम्पल लिए।

पॉल्यूशन टीम ने गंगा में ऑक्सीजन की भी जांच की। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड उत्तराखंड टीम के रीजनल ऑफिसर सुभाष पंवार ने जानकारी देते हुए बताया कि 3 दिन बाद सैंपल रिपोर्ट आएगी। उसी के आधार पर रिपोर्ट तैयार होगी।

गंगा सेवा समिति के सचिव डॉ. महकार सिंह व घाट प्रबंधक देवेंद्र शर्मा ने पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड टीम के सामने हजारों जलीय जंतु की मौत की वजह कैमिकलयुक्त बदबूदार काले पानी को जिम्मेदार ठहराया तथा भारतीय संस्कृति की आस्था मां गंगा के पवित्र जल को दूषित करने व साधु संतों व श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ करने के गंभीर आरोप लगाए।

वहीं भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून प्रोजेक्ट ऑफिसर अनु सैनी ने कहा कि गंगा स्वस्थ रहे, इसके लिए हम सभी प्रयासरत रहते हैं। काले बदबूदार कैमिकलयुक्त पानी को गंगा में छोड़ा जाना। भारतीय संस्कृति पर आघात हुआ है। जांच कर दोषियों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि गंगा जल जलीय जंतुओं सहित प्राणियों व फसलों को भी जीवनदान देती है, इसका संरक्षण करना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है। इस मामले को लेकर डीएफएम से वार्ता कर मामले को प्रदेश व केंद्रीय पॉल्यूशन बोर्ड को भी लिखित में अवगत कराकर जवाब मांगा जाएगा।

इस मौके पर प्रियंका, आदेश राणा, निर्मला, पूजा, शिवानी, रेखा, देवी, डोली, रीना, अर्चना, तारामणि, मोहनलाल यादव, पीयूष, सोनू, सुधीर, अजय, प्रमोद, अनिकेत चौहान, रामकुमार, दीपक, नीटू आदि दर्जनों गंगा प्रहरियों ने गंगा घाट पर विरोध प्रदर्शन करते हुए आक्रोश जताया। इसके बाद गंगा प्रहरियों ने गंगा घाट पर सफाई अभियान चलाकर गंदगी को साफ किया।

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