मुज़फ्फरनगर- जनपद में नए नए सूदखोरों के आतंक से कई परिवार बर्बादी के कगार पर पहुँच गए है हालत यह है कि मुज़फ्फरनगर की गली गली में नए नए सूदखोर पैदा हो रहे है। जिन्होंने एक स्केंडल चला रखा है और इनके सूद प्रतिशत की कोई सीमा नही है।
यह नए नए सूदखोर दस प्रतिशत से लेकर तीस प्रतिशत तक का सूद ले रहे है और इनके आतंक से कई परिवार बर्बादी की कगार पर पहुँच गए है। इन सूदखोरों का यह गोरखधंधा जनपद में भली भांति फूल रहा है और यह सूदखोर अधिकतर युवा पीढ़ी के नौजवानों और माध्यम वर्ग को अपने जाल में फंसा लेते है और उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर इन्हें पैसे दे देते है और फिर उसके बाद यह सूदखोर जिन्हें पैसे देते है उनसे दस से लेकर तीस प्रतिशत तक का सूद वसूलते है।
इन सूदखोरों के कारण ज़िले में कई परिवार बर्बादी के कगार पर पहुँच गए है तथा यह सूदखोर नए नए व्यक्तियों को अपने जाल में फंसा लेते है और फिर इनका जमकर उत्पीड़न करते है तथा इनका जमकर खून चूसते है।
इन सूदखोरों को इतनी हिम्मत कौन देता है यह तो सूदखोर ही जान सकते है लेकिन इन सूदखोरों के लिए कोई नियम कानून मायने नही रखता है और न ही इन्हें किसी कानून का कोई डर है। योगीराज में जब बड़े बड़े अपराधी अपराध से तौबा कर रहे है, फिर भी इन सूदखोरों को यह लुटाई करने का अधिकार कौन देता है।
पिछले दिनों जहाँ जिले की जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी ने इन अवैध सूदखोरों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की थी और जिन सूदखोरों के पास लाइसेंस था उनकी लिस्ट बनवाई गई थी। लेकिन फिर कुछ दिनों के बाद यह सूदखोरों फिर से सक्रिय हो गए और अपने गोरखधंधे को फिर से अंजाम देने में जुट गए है और जमकर लोगो से वसूली कर रहे है और वाहन तक छीनने की धमकी देकर यह सूदखोर लोगो से अपना पैसा वसूलते है। कई परिवारों में तो ये उनके परिवार की महिलाओं और मकानों को भी अपने उत्पीड़न का शिकार बना रहे है जिसके बारे में कर्ज लेने वाला इज़्ज़त, डर और मजबूरी के कारण चुप रह जाता है।
क्या योगी राज में भी इनके लिए कोई कानून मायने नही रखता, यह तो सूदखोर ही जान सकते है लेकिन यह बात साफ हो चली है कि इस गोरखधंधे को प्रशासन भी आंखे मूंदकर मूकदर्शक बने देख रहा है। कारण चाहे जो भी लेकिन यह बात साफ हो चली है कि इन सूदखोरों की जड़े बड़ी मजबूत है क्योंकि ना तो इनके पास कोई लाइसेंस है और ना ही इनकी सूद लेने की दर की कोई सीमा है।
कारण चाहे जो भी लेकिन कुछ दबंग और गुंडा तत्व इस गोरखधंधे से फर्श से अर्श पर पहुँच चुके है और चरथावल, शाहपुर, बुढ़ाना, मोरना, जानसठ भोपा आदि में एक या दो व्यक्तियों के पास ही सूद का लाइसेंस है लेकिन हजारो की तादाद से भी ज्यादा लोग इस गोरखधंधे को कर रहे है और यह धंधा इन लोगो को बहुत रास आ रहा है क्योंकि इस धंधे में बहुत ही जल्द यह दबंग व्यक्ति अमीर हो जाते है।
क्या योगी राज में भी इन सूदखोरों पर लगाम नही लगेगी ?,यह हो आने वाला वक्त ही बतायेगा लेकिन फिलहाल यह बात साफ हो चली है इन सूदखोरों की जमकर चांदी कट रही है और इन्हें किसी कानून या प्रशासन का कोई डर नही है, यह खुलेआम अपने इस कार्य को अंजाम दे रहे है और गरीब आदमी लाचारी से इनके उत्पीड़न का शिकार बनता रहेगा।