मंसूरपुर। शुगर मिल कर्मचारी की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने शव को शुगर मिल परिसर मे एम्बुलेंस में रखकर गन्ना तोल बंद करा दी और हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि ड्यूटी के दौरान शुगर मिल अधिकारियों ने मृतक को किसी काम के लिए बाहर भेजा था, इस दौरान सड़क हादसे में उसकी मौत हुई है, जब तक मिल प्रशासन मृतक के परिजनों को मुआवजा नहीं देता शव नहीं ले जाया जाएगा। घंटो तक चली समझौता वार्ता के बाद 2० लाख रुपए का आश्वासन मिल प्रशासन की ओर से मिलने के बाद मामला शांत हुआ।
थाना क्षेत्र के गांव मौलाहेड़ी निवासी 22 वर्षीय शंकूल पुत्र अजीत मंसूरपुर शुगर मिल में गन्ना पेराई सत्र शुरू होने के समय से ही टोकन काटने का कार्य करता आ रहा था, उसकी ड्यूटी का समय शाम 6 बजे से रात्रि 2 बजे तक था। शुक्रवार शाम वह हर रोज की भांति अपनी ड्यूटी पर गया था। रात में करीब 11 बजे हाईवे पर खानुपुर के समीप एक सड़क हादसे में उसकी मौत हो गई। युवक की मौत की सूचना पर परिजनों में हाहाकार मच गया।
शनिवार को मृतक का पोस्टमार्टम कराने के बाद काफी संख्या में ग्रामीणों के संग परिजन मृतक युवक के शव को शुगर मिल परिसर में लेकर आए और मिल प्रशासन के खिलाफ आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि मृतक युवक शंकूल अपनी ड्यूटी पर था। मिल अधिकारियों ने उसे किसी काम के लिए कहीं पर भेजा था। इस दौरान सड़क हादसे में शंकूल की मौत हो गई।उसकी मौत का जिम्मेदार मिल प्रशासन है, जब तक मिल प्रशासन द्वारा परिजनों को मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक न तो तोल शुरू होगी और न ही शव को यहां से वापस ले जाया जाएगा।
हंगामे की सूचना पर थाना प्रभारी आशुतोष कुमार भी अपनी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए थे। मिल प्रशासन का कहना था कि शंकुल रात्रि में खाना खाने के लिए गया था। इस दौरान उसकी सड़क हादसे में मौत हो गई थी। घंटों चली समझोता वार्ता के बाद शुगर मिल प्रशासन द्वारा 2० लाख रुपए मृतक के परिजनों को देने का आश्वासन दिया, तब जाकर मामला शांत हुआ। मृतक का दाह संस्कार करने हेतु अपने गांव ले जाया जा चुका था।
अपने पिता का इकलौता पुत्र था शंकूल- शंकूल अपने पिता अजीत का इकलौता पुत्र था। अजीत की कोरोना काल के दौरान कोरोना से मौत हो गई थी।
एक बड़ी बहन जिसकी शादी हो चुकी है। अब घर में केवल शंकूल की माता संगीता है, जिसका इस हादसे से रो-रो कर बुरा हाल है।