नोएडा। नोएडा के जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सोमवार को इतिहास रचते हुए पहली बार विमान उतरा। यह ऐतिहासिक क्षण इंडिगो की फ्लाइट के सफल ट्रायल रन के साथ जुड़ गया। नागरिक उड्डयन मंत्री की उपस्थिति में इस फ्लाइट को वाटर कैनन सैल्यूट दिया गया, जो इस उपलब्धि को और भी खास बना गया।
चंद्रशेखर आजाद ने कहा नौजवानों को डरा-धमाकर बिहार नहीं कर सकता तरक्की
जेवर एयरपोर्ट के नोडल ऑफिसर शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि 15 दिसंबर 2024 तक इस एयरपोर्ट का ट्रायल पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। ट्रायल के बाद एयरोड्रम लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा। इस प्रक्रिया में नागरिक उड्डयन मंत्रालय, डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय), एनआईएएल, और उत्तर प्रदेश नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारी शामिल होंगे।
मुज़फ्फरनगर में हिन्दू समाज उतरा सड़कों पर, बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार पर उठाई आवाज
जेवर एयरपोर्ट का रनवे 3.9 किमी लंबा और 60 मीटर चौड़ा है। ट्रेनिंग रूम को भारतीय वायुसेना की फाइटर पायलट स्क्वाड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी के नाम पर समर्पित किया गया है। ट्रायल रन का वीडियो सामने आया है, जिसमें विमान को रनवे पर दौड़ते हुए देखा जा सकता है। यह एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा और इसका कॉमर्शियल उद्घाटन अप्रैल 2025 में निर्धारित है।
गुजरात के राज्यपाल व मुख्यमंत्री को महाकुंभ का निमंत्रण देने पहुंचे मंत्री कपिल देव व एके शर्मा
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में किया था। इस परियोजना के तहत, 2025 के मार्च तक सभी निर्माण कार्य पूरे किए जाएंगे। इसके बाद अप्रैल 2025 से कॉमर्शियल फ्लाइट्स शुरू कर दी जाएंगी।
इस एयरपोर्ट के संचालन से न केवल गौतम बुद्ध नगर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश और भारत के लिए आर्थिक, औद्योगिक, और पर्यटन क्षेत्र में बड़ी संभावनाएं खुलेंगी। जेवर एयरपोर्ट के विकास को मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों से भी जोड़ा जा रहा है।