जयपुर। राजस्थान की भजनलाल कैबिनेट ने शनिवार को एक बड़ा राजनीतिक फैसला लेते हुए पूर्ववर्ती गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए 9 जिलों और 3 नए संभागों के गठन को रद्द करने की घोषणा की है। इस फैसले के साथ ही राज्य में नई प्रशासनिक इकाइयों के गठन पर सियासी हलचल तेज हो गई है।
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भजनलाल सरकार ने यह निर्णय राज्य के प्रशासनिक खर्चों और वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लिया। सरकार का कहना है कि नई जिलों और संभागों के गठन से प्रशासनिक बोझ बढ़ा और इसका व्यापक प्रभाव राज्य की वित्तीय स्थिति पर पड़ा।
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पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने चुनावी साल में 9 नए जिलों और 3 संभागों का गठन कर जनता को राहत देने और क्षेत्रीय असंतुलन को कम करने का दावा किया था। इन जिलों और संभागों को जनता के प्रशासनिक कामकाज को सुगम बनाने के लिए बनाया गया था।
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रद्द किए गए जिलों और संभागों की सूची में कौन-कौन से नाम शामिल हैं, इस पर भजनलाल सरकार की ओर से विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी। हालांकि, इस फैसले से वे क्षेत्र प्रभावित होंगे, जहां हाल ही में नए प्रशासनिक कार्यालय स्थापित किए गए थे।
इस फैसले पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। गहलोत ने कहा कि यह फैसला जनता के साथ अन्याय है और राज्य की विकास प्रक्रिया में बाधा डालने वाला है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि यह निर्णय राजनीतिक लाभ के लिए लिया गया है।
भजनलाल सरकार का कहना है कि यह निर्णय आर्थिक संसाधनों की बचत और प्रशासनिक कुशलता बढ़ाने के लिए लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जनता के कल्याण और विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इस फैसले से राज्य की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी।