गाजियाबाद। कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने से लोगों को त्वरित सुरक्षा का आभास हो रहा है। नागरिक पुलिस के साथ-साथ डायल 112 की पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हीकल) प्रणाली भी सशक्त हुई है।
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कमिश्नरेट प्रणाली को करीब दो वर्ष हो गए हैं, जबकि डायल 112 पीआरवी सूचना पर सबसे कम समय में पीड़ितों के पास पहुंचने में प्रदेश में 19 माह से नंबर वन पायदान पर काबिज है। पिछले चार महीनों में (एक अगस्त से 30 नवंबर तक) पीआरवी करीब 90 हजार लोगों के पास मदद के लिए पहुंची है।
सूबे के मुखिया ने नागरिकों की सुरक्षा के लिए पुलिस की सबसे पहली कड़ी पीआरवी को घटना स्थल पर अतिशीघ्र पहुंचने के निर्देश दिए थे। पीआरवी का रिस्पांस टाइम नौ मिनट 18 सेकंड निर्धारित किया था। कॉल टेकर्स की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ पीआरवी में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाए गए और इनकी निगरानी एसीपी और डॉयल 112 प्रभारी को करने के निर्देश दिए गए।
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जिले की डायल 112 पीआरवी ने इमरजेंसी लोकेशन सर्विस का इस्तेमाल करके घटनास्थल पर निर्धारित नौ मिनट 18 सेकंड की बजाय न्यूनतम चार मिनट 32 सेकंड पर पहुंचकर प्रदेश में रिकार्ड बना दिया है।
नवंबर माह में पीआरवी ने यह कारनामा किया। डायल-112 में 4.46 मिनट के रेस्पांस टाइम के साथ फिरोजाबाद पुलिस दूसरे और 4.51 मिनट के रेस्पांस टाइम के साथ गौतमबुद्धनगर कनिश्नरेट पुलिस प्रदेश में तीसरे पायदान पर है। बता दें कि पीआरवी पर 649 कर्मचारी, 59 चार पहिया और 45 बाइक शामिल हैं।