गाजियाबाद | सही रखरखाव और मेंटेनेंस की कमी के कारण 2022 में लिफ्ट में फंसी तीन बच्चियों के मामले में कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट द्वारा सोसाइटी वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) के सचिव और अध्यक्ष के खिलाफ नॉन-बेलेबल वारंट जारी किए गए, जिसके बाद पुलिस ने सचिव को गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर दिया।
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क्या था मामला?
गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक थाना क्षेत्र स्थित एसोटेक सोसाइटी में 2022 में लिफ्ट खराब होने की वजह से 8 वर्षीय बच्ची शिवम गहलोत की बेटी और 8-10 साल की दो अन्य बच्चियां 25 मिनट तक लिफ्ट में फंसी रहीं। शुरुआत में यह पता नहीं चल सका कि लिफ्ट किस फ्लोर पर अटकी है, जिससे रेस्क्यू में देरी हुई। बाद में कड़ी मशक्कत के बाद बच्चियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
घटना के बाद बच्चियों के पिता शिवम गहलोत ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि सोसाइटी में हर साल 25 से 30 लाख रुपये लिफ्ट की मेंटेनेंस पर खर्च किए जाते हैं, लेकिन इसके बावजूद लिफ्ट में बार-बार खराबी आती है।
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कोर्ट ने सुनाया सख्त फैसला
शिवम गहलोत ने दो साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी, जिसके बाद कोर्ट ने सोसाइटी के RWA अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिए। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सोसाइटी के सचिव को गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर दिया।
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शिवम गहलोत ने कहा, कि “लोगों की सुरक्षा के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। कई बार लिफ्ट खराब हुई, जिससे सोसाइटी में रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। हमने इसकी शिकायत पुलिस से की और अब जाकर न्याय की उम्मीद जगी है।”