नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद केंद्र सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना दोगुना कर दिया है। पर्यावरण मंत्रालय ने गुरुवार को एक नोटिफिकेशन जारी करके इसकी जानकारी दी। अब 2 एकड़ से कम जमीन पर 5000 रुपए का जुर्माना लगेगा, दो से पांच एकड़ तक 10,000 रुपए और पांच एकड़ से ज्यादा जमीन वालों पर 30,000 रुपए जुर्माना वसूला जाएगा। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली सरकारों को इन नियमों को लागू करने के लिए बाध्य किया जाएगा।
यह कदम सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी सख्त आदेश के बाद लिया गया है। 4 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने को लेकर पंजाब और हरियाणा सरकारों से 14 नवंबर तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा था। इससे पहले, 23 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को लेकर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (EPA) के तहत नए नियम बनाने और जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति करने के लिए केंद्र सरकार को दो हफ्ते का समय दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार की कार्रवाई से संतुष्टि जाहिर नहीं की थी। कोर्ट ने कहा कि अगर सरकारें सचमुच इस मुद्दे पर कड़ा कदम उठाना चाहती हैं, तो कम से कम एक केस तो चलना चाहिए। जस्टिस अभय एस ओका, जस्टिस ए अमानुल्लाह और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने पंजाब और हरियाणा सरकार की पराली जलाने से रोकने की कोशिशों को महज दिखावा बताया और कहा कि अब यह समय आ गया है कि केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकारों को यह याद दिलाया जाए कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना नागरिकों का मौलिक अधिकार है। प्रदूषण में रहना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
इससे पहले, सरकार और अदालतों की नाकामी के कारण, पराली जलाने के कारण दिल्ली और आसपास के राज्यों में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा था, जिससे सांस लेने में दिक्कतों और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने इन राज्यों को सख्त चेतावनी दी और कहा कि अगर उन्हें सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर किया गया, तो और अधिक कठोर आदेश दिए जाएंगे।
अब केंद्र सरकार ने जुर्माने की राशि दोगुनी कर दी है, ताकि पराली जलाने के कारण होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए किसानों पर कड़ा दबाव बनाया जा सके। इसे एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जो प्रदूषण की समस्या को नियंत्रित करने में मदद करेगा।