नई दिल्ली। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को फिर से 20 दिनों की सशर्त पैरोल मिल गई है। हाल ही में 21 दिनों की पैरोल पूरी करने के बाद वह जेल वापस गया था, लेकिन उसने फिर से रिहाई के लिए अर्जी दी, जिसे हरियाणा चुनाव आयोग ने मंजूर कर लिया है। गुरमीत राम रहीम इस दौरान बागपत के डेरा सच्चा सौदा बरनावा आश्रम में रहेगा।
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की पैरोल याचिका पर चुनाव आयोग ने शर्तों के साथ अनुमति दी है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि राम रहीम हरियाणा नहीं जा सकता, किसी भी प्रकार से चुनाव प्रचार में भाग नहीं ले सकता, और सोशल मीडिया के माध्यम से भी कोई राजनीतिक अपील या संदेश नहीं दे सकता। ये शर्तें यह सुनिश्चित करने के लिए लगाई गई हैं कि उनकी रिहाई का चुनाव प्रक्रिया पर कोई असर न हो।
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह, जो रेप के मामले में 20 साल की सजा काट रहा है, को हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 20 दिन की अस्थायी पैरोल दी गई है। राम रहीम ने हरियाणा में 5 अक्टूबर को होने वाले चुनावों से पहले पैरोल की अर्जी दी थी, जिसे राज्य सरकार ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास विचारार्थ भेजा था। चुनाव आयोग ने यह पैरोल तीन सख्त शर्तों के साथ मंजूर की है:
- राम रहीम हरियाणा राज्य में प्रवेश नहीं कर सकेगा।
- वह चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं ले सकेगा।
- वह सोशल मीडिया या किसी अन्य माध्यम से चुनाव के संबंध में कोई अपील नहीं कर सकेगा।
पिछले महीने 13 अगस्त को राम रहीम को 21 दिन की फरलो दी गई थी, और इसके बाद उसने फिर से पैरोल की अर्जी दाखिल की थी।
चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से पूछा है कि ऐसी कौन सी इमरजेंसी आ गई कि रहीम को अभी पैरोल देना जरूरी है. रहीम के वकील का कहना है कि साल खत्म होने को है, अगर पैरोल नहीं ली तो 21 दिन ‘लैप्स’ हो जाएंगे.
गुरमीत राम रहीम को 2017 में साध्वी दुष्कर्म मामले में दोषी ठहराते हुए 20 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद, उसे पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड और पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामलों में भी दोषी ठहराया गया और सजा दी गई। रंजीत सिंह की हत्या के मामले में राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
राम रहीम फिलहाल सुनारिया जेल में बंद है, लेकिन उसे समय-समय पर पैरोल दी गई है। पिछली बार 19 जनवरी को उसे 50 दिनों की पैरोल दी गई थी, जिसे उसने उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित बरनावा आश्रम में बिताया था।
गुरमीत राम रहीम की पैरोल का समय और चुनावों का कनेक्शन काफी ध्यान आकर्षित करता है। हर बार जब उसे पैरोल दी गई, उस समय महत्वपूर्ण चुनावी प्रक्रियाएँ चल रही थीं। यह पैटर्न दिखाता है कि राम रहीम की पैरोल अक्सर चुनावी मौसम में दी गई है, जिससे राजनीतिक कनेक्शन की संभावनाएं चर्चा का विषय बनती हैं। आइए इस कनेक्शन को समझें:
- फरवरी 2022 – 21 दिन पैरोल: पंजाब विधानसभा चुनाव
- जून 2022 – 30 दिन पैरोल: हरियाणा नगर निकाय चुनाव
- अक्टूबर 2022 – 40 दिन पैरोल: आदमपुर विधानसभा उपचुनाव
- जुलाई 2023 – 30 दिन पैरोल: हरियाणा पंचायत चुनाव
- नवंबर 2023 – 21 दिन पैरोल: राजस्थान विधानसभा चुनाव
- जनवरी 2024 – 50 दिन पैरोल: लोकसभा चुनाव
- अगस्त 2024 – 21 दिन पैरोल: हरियाणा विधानसभा चुनाव
- अक्टूबर 2024 – 21 दिन पैरोल: फिर हरियाणा विधानसभा चुनाव