मुजफ्फरनगर। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ब्लाक शाहपुर, गांव सभा कमालपुर के ग्राम पंचायत सचिव के खिलाफ चार लाख, 72 हजार, 888 रुपये 50 पैसे की वसूली की जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर द्वारा जारी नोटिस पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से छ: हफ्ते में जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पांडिया ने सोहनवीर सिंह की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। वर्ष 2014-15 में सरचार्ज वसूली में सरकार को भारी नुकसान पहुंचाने के मामले में जिलाधिकारी ने 13 ग्राम पंचायत सचिवों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। कहा गया कि उनसे नुकसान की वसूली क्यों न की जाए, जिसे याचिका में यह कहते हुए चुनौती दी गई कि जिलाधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने का क्षेत्राधिकार नहीं है।
पंचायत राज एक्ट की धारा 257(2)के परंतुक से प्रतिबंधित किया गया है। कोर्ट ने हनीफ अहमद केस में ऐसी नोटिस पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी कर जिलाधिकारी व सीडीओ मुजफ्फरनगर से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है। जिलाधिकारी ने ऑडिट रिपोर्ट की आपत्ति के आधार पर कारण बताओ नोटिस जारी की है। सीडीओ ने भी जिलाधिकारी के आदेश के तहत नोटिस दी है, जिसे याचिका में चुनौती दी गई है।