मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के साथ अनुबंध के आधार पर शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के साथ ही डलावघरों से कूड़ा निस्तारण में लगी एमआईटूसी कंपनी की दिक्कतें लगातार बढ़ती जा रही है। कंपनी के साथ डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए वार्डों में काम कर रहे करीब 300 कर्मचारियों की हड़ताल का कोई भी समाधान नहीं निकलने के कारण सड़कों के बाद अब लोगों के घरों में भी कूड़े के ढेर लगने लगे हैं।
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लोग घरों तक सफाई कर्मियों के नहीं पहुंचने के कारण कूड़े को लेकर परेशान हैं, वहीं सफाई कर्मियों ने शुक्रवार को भी कामबंद हड़ताल रखी और वाहन नहीं चलाये गये। इसके साथ ही उन्होंने टाउनहाल पहुंचकर प्रदर्शन किया तो वहीं कलेक्ट्रेट जाकर प्रदर्शन करते हुए डीएम के नाम एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपते हुए कंपनी से दो माह का बकाया वेतन दिलाने की मांग की।
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सफाई कर्मियों ने वेतन मिलने पर ही काम पर लौटने की बात की है। कर्मियों की शिकायत पर सिटी मजिस्ट्रेट ने कंपनी के अधिकारियों को अपने कार्यालय में तलब किया है। बता दें कि दिल्ली की कंपनी एमआईटूसी सिक्योरिटी एण्ड फैसिलिटी प्रा. लि. को नगरपालिका परिषद् ने शहर के 55 वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन और डलावघरों से कूड़ा निस्तारण के लिए ठेका दिया है।
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अनुबंध के अनुसार पालिका इसके लिए कंपनी को 92 लाख रुपये प्रतिमाह का भुगतान कर रही है और कंपनी को यूजर चार्ज एकत्र करते हुए पालिका में जमा कराना था, लेकिन कंपनी ने यूजर चार्ज के लिए 20 लाख का भुगतान करने को जो चैक पालिका को दिया, वो बाउंस हो जाने के कारण पालिका ने कंपनी को भुगतान रोक दिया। कंपनी ने भी अपने कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं दिया।
कंपनी पर प्राइमरी सैक्शन में डोर टू डोर कूड़ा कलैक्शन करने वाले करीब 300 कर्मचारियों का दो माह का वेतन लम्बित है। इसके लिए तीन दिन पहले कर्मचारियों ने गारबेज टिपर वाहनों का चक्का जाम करते हुए कामबंद हड़ताल कर दी। शुक्रवार को चौथे दिन भी यह हड़ताल जारी रही और सफाई कर्मियों ने टाउनहाल पहुंचकर कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पालिका प्रशासन से हस्तक्षेप कर वेतन दिलाने की मांग की।
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वहां पर ईओ और नगर स्वास्थ्य अधिकारी के नहीं मिलने के कारण कर्मचारी जुलूस की शक्ल में डीएम दफ्तर पहुंचे और डीएम के नाम एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप को सौंपते हुए दो माह का वेतन दिलाये जाने की मांग की। वेतन के बिना उन्होंने काम पर लौटने से इंकार कर दिया है। कर्मचारियों ने कंपनी पर अन्य गंभीर आरोप भी लगाये और जांच की मांग की।
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सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने बताया कि आज नगरपालिका के साथ अनुबंध पर काम कर रही कंपनी एमआईटूसी ने डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में लगे अपने कर्मचारियों का दो महीने से वेतन नहीं दिया था। इसी को लेकर गतिरोध बनने पर कर्मियों ने हड़ताल कर रखी है। कंपनी पर नगर पालिका से जो अनुबंध हुआ है, उसकी शर्तों का पालन नहीं करने का आरोप है। इसमें वेतन देना पालिका की नहीं, कंपनी की जिम्मेदारी है। हमने वेतन दिलाने का भरोसा देकर कर्मचारियों को भी काम पर लौटने के लिए कहा गया है।
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उन्होंने बताया कि कंपनी के अधिकारियों को भी कार्यालय में बुलाया गया है। कंपनी के साथ ही पालिका के लोगों से भी वार्ता कर स्थिति की जानकारी की जायेगी। कर्मचारियों की वेतन दिलाने की मांग जायज है। कंपनी के कारण शहर की सफाई व्यवस्था को बिगडऩे नहीं देंगे।
वहीं कंपनी के सेकेंड्री प्वाइंट इंचार्ज कुलदीप सिंह ने बताया कि पालिका से भुगतान नहीं होने के कारण ही आर्थिक संकट खड़ा हो रहा है। शुक्रवार को केवल 15 टिपर वाहनों को वार्डों में निकाला गया है। कर्मचारियों से वार्ता जारी है।