Thursday, September 19, 2024

एनसीआर में 70 करोड़ के धोखाधड़ी के मामले में आरोपियों को मिली जमानत, निरीक्षक निलंबित

नोएडा। शेयर ट्रेडिंग के नाम पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहने वाले सैकड़ांे लोगों से 70 करोड़ की ठगी करने के मामले में यूपी एसटीएफ द्वारा गाजियाबाद से चार दिन पूर्व गिरफ्तार बदमाश रविंद्र उर्फ नवाब तथा विनोद कुमार धाम की कोर्ट से जमानत मिलने के बाद धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के मामले में विवेचना ठीक से न करने पर एक पुलिस निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में गिरफ्तार आरोपी की जमानत कोर्ट से हो गई है।

 

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पुलिस आयुक्त के मीडिया प्रभारी ने बताया कि थाना सेक्टर-63 पुलिस ने 70 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। इस मामले की विवेचना निरीक्षक दीपचंद दीक्षित द्वारा की जा रही थी। उन्होंने विवेचना में लापरवाही की तथा ठीक से साक्ष्य संकलन नहीं किया। जिसकी वजह से अभियुक्त की न्यायालय से जमानत हो गई। उन्होंने बताया कि इस मामले में जांच के दौरान निरीक्षक की लापरवाही सामने आई है। उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।

 

 

उन्होंने बताया कि थाना सेक्टर-63 के प्रभारी निरीक्षक के खिलाफ भी प्रारंभिक जांच शुरू की गई है।
उन्होंने बताया कि विनोद कुमार और रविंदर लोगों को शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे का झांसा देकर निवेश कराते हैं। जब ज्यादा पैसा जमा हो जाता है तो कंपनी बंद कर भाग जाते हैं। फिर दूसरी जगह नई कंपनी खोलकर यही काम करते हैं। इन्होंने कल्प वृक्ष ट्रेडिंग मास्टर टेक्नोलॉजी प्रा. लि. नाम से नोएडा के सेक्टर-63, हाट सिक्योरिटी लिमिटेड व आयुर्वेद इंडिया लिमिटेड नाम से गाजियाबाद में ट्रेडिंग फर्म खोली थीं। यहां इन्होंने लोगों से करोड़ों रुपए इन्वेस्ट कराए। इसके बाद फरार हो गए थे।

 

 

बता दें कि इस मामले में गत दिनों यूपी एसटीएफ (नोएडा यूनिट) ने एक सूचना के आधार पर गाजियाबाद के वसुंधरा के सेक्टर-5 में मोहन मिकिंन्स सोसाइटी के एक फ्लैट में छापेमारी कर जनपद बागपत के रहने वाले विनोद कुमार धामा और रविंद्र उर्फ नवाब को गिरफ्तार किया था। इनके पास से पुलिस ने 6 मोबाइल फोन, और अन्य दस्तावेज बरामद किया है। ये लोग घटना को अंजाम देने के बाद बैंकॉक भाग गए थे।

 

 

विनोद कुमार धामा इस गैंग का सरगना है। पूछताछ में विनोद ने बताया था कि गिरोह के सदस्य लोगों को कंपनी की स्कीम बताकर उसमें निवेश का तरीका समझाते थे। दोनों ने यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और हैदराबाद के 500 से ज्यादा लोगों से ठगी करनी स्वीकार की थी।

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