नई दिल्ली। कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने कहा कि भारत के उत्पादों और कारोबार की गुणवत्ता को लेकर दुनिया की निगाहें देश पर टिकी हैं। उन्होंने यह बात कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी) द्वारा आयोजित दो दिन की क्षमता निर्माण वर्कशॉप के दौरान कही। राज्य मंत्री चौधरी ने अपने संबोधन में कहा, “दुनिया की निगाहें भारत पर उसके उत्पादों, उसके नागरिकों और उसके कारोबार की गुणवत्ता के लिए टिकी हैं।”
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उन्होंने देश के उद्योगों से “विश्व स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाने के लिए उत्पाद की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने” का आग्रह किया। इसके अलावा, राज्य मंत्री ने कहा कि गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए उद्यमियों को निवेश करने और उन्हें हर तरीके से सपोर्ट करने की जरूरत है ताकि हमारी अर्थव्यवस्था प्रगति कर सके। उन्होंने कहा कि हाल ही में केंद्रीय बजट 2025 में महिलाओं और वंचित वर्गों को लक्षित करने वाली पहलों पर जोर दिया गया।
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राज्य मंत्री चौधरी ने कहा, “फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ) के तहत लगभग 10,000 करोड़ रुपये के लोन स्वीकृत किए गए हैं, ताकि स्टार्टअप्स अपनी यात्रा शुरू कर सकें। सरकार ने नागरिकों को उनके सपनों को साकार करने में सहायता करने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, लेकिन ये तभी प्रभावी होंगी जब हम उन्हें अपने अधिकार के रूप में इस्तेमाल करना सीखेंगे।”
उन्होंने कहा कि इस दो दिवसीय वर्कशॉप का उद्देश्य “उभरते उद्यमियों में उद्यमशीलता की भावना को जगाना है और उन्हें सरकारी पहलों, मार्केट एक्सेस और डिजिटल क्षमता की गहरी समझ हासिल करने में मदद करना है।” दो दिवसीय वर्कशॉप में पैनल चर्चा और व्यावहारिक सत्र आयोजित किए गए, जो उभरते उद्यमियों की क्षमता निर्माण के जरिए उद्यमशीलता इकोसिस्टम को बेहतर बनाने पर केंद्रित थे। वर्कशॉप में ओडिशा, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के 100 से अधिक उद्यमियों ने भाग लिया और उनमें से अधिकतर को कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के संकल्प कार्यक्रम के तहत ट्रेनिंग दी गई।