नयी दिल्ली। लोकसभा में अमेरिका से लौटे अप्रवासियों के मुद्दे पर गुरुवार को विपक्ष के सदस्यों ने भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
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तीन बार के स्थग्न के बाद सदन की कार्यवाही शुरु होते ही विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरु कर दी। हंगामें बीच ही विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने सदन में वक्तव्य दिया।
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से बजट पर चर्चा करने का आग्रह करते हुए कहा कि आपको जनता ने चुनकर भेजा है। बजट पर महत्पूर्ण चर्चा कर सकते हैं। वित्तीय विषयों पर अपनी बात रख सकते हैं। अपने क्षेत्र के विकास की बात कर सकते हैं। बजट के माध्यम से किस प्रकार सामाजिक और आर्थिक बदलाव लाये जा सकते हैं उस पर सुझाव दे सकते हैं। आप चर्चा नहीं करना चाहते हैं। अध्यक्ष के आग्रह के बाद भी हंगामा नहीं रुका तब सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
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इससे पहले दो बार के स्थगन के बाद पीठासीन अधिकारी दिलीप सैकिया ने दो बजे सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू की, विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने सदस्यों से हंगामा नहीं करने की अपील की, लेकिन उनकी बात किसी ने नहीं सुनी।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने सदस्यों से आग्रह किया कि जिस मुद्दे को लेकर वे हंगामा कर रहे हैं, उस पर 3.30 बजे विदेश मंत्री एस जयशंकर बयान देने वाले हैं इसलिए सदस्य बजट पर चर्चा होने दें लेकिन सदस्यों ने उनकी एक नहीं सुनी और हंगामा करते रहे, जिसके बाद पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही 3.30 बजे तक स्थगित कर दी।
वहीं एक बार के स्थगन के बाद 12 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरु हुई तो सदस्यों ने पहले की तरह शोर शराबा किया। इस पर सैकिया ने शोरशराबे के बीच आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये और विपक्षी सदस्यों से सदन की कार्यवाही के सुचारु संचालन में सहयोग की अपील की, लेकिन इसका कोई प्रभाव नहीं हुआ। उन्होंने पूछा कि क्या विपक्षी सदस्य सदन को नहीं चलाना चाहते हैं, इस पर नारेबाजी जारी रही। इस पर श्री सैकिया ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित किये जाने की घोषणा कर दी।
सुबह 11 बजे भी हंगामा हुआ और सदन समवेत होते ही विपक्षी सदस्य अमेरिका से जबरन भेजे गये भारतीयों के मुद्दे पर अपने स्थान पर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच में ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल के लिए तृणमूल कांग्रेस के कीर्ति झा आजाद का नाम पुकारा और नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने जवाब देना शुरू किया लेकिन इस दौरान हंगामा और बढ़ गया।
अध्यक्ष ने कहा कि आपकी चिंता सरकार के ध्यान में है। विदेश नीति का मामला है। दूसरे देश का विषय है और सरकार के संज्ञान में है। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है। बहुत कठिनाई से सवाल लगते है। नियोजित तरीके से सदन में व्यावधान करना उचित नहीं है। श्री बिरला के बार-बार आग्रह करने के बावजूद हंगामा नहीं रूका, जिसके कारण सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।