भुवनेश्वर- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) सरकार के तीसरे कार्यकाल के पिछले 100 दिनों में देश के गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के कल्याण के लिए कई बड़े फैसले लिये गये हैं।
श्री मोदी ने आज यहां ओडिशा सरकार की सबसे बड़ी एकल महिला-केंद्रित योजना सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन इसलिए भी विशेष है कि वर्तमान सरकार के 100 दिन पूरे हो रहे हैं। इस अवधि में देश के गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के कल्याण के लिए बड़े फैसले लिये गये हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी राष्ट्र तभी तेजी से आगे बढ़ता है, जब उसकी आधी आबादी यानी महिला शक्ति की भागीदारी समान हो। उन्होंने कहा कि महिलाओं की उन्नति और उनका सशक्तीकरण ओडिशा के विकास की कुंजी होगी। ओडिशा की लोककथाओं का हवाला देते हुए उन्होंने कहा , “यहां भगवान जगन्नाथ के साथ देवी सुभद्रा की उपस्थिति हमें महिला सशक्तिकरण के बारे में बताती है। मैं देवी सुभद्रा के रूप में सभी माताओं, बहनों और बेटियों को नमन करता हूं।”
प्रधानमंत्री ने मौजूद जनसमुदाय का आज के कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि लोगों और भगवान जगन्नाथ की सेवा करने का अवसर तब मिलता है जब भगवान का आशीर्वाद मिलता है।उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जहां भगवान विश्वकर्मा के रूप में कौशल और श्रम की पूजा की जाती है। उन्होंने भगवान जगन्नाथ की धरती से देशभर में 30 लाख से अधिक परिवारों को पक्के मकान सौंपे जाने का भी जिक्र किया और कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में 26 लाख मकान और शहरी क्षेत्रों में 04 लाख मकान सौंपे गए हैं।
प्रधानमंत्री ने लोगों को याद दिलाया कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कहा था कि अगर ‘डबल इंजन’ वाली सरकार बनती है, तो ओडिशा प्रगति और समृद्धि की ओर अग्रसर होगा। उन्हें खुशी है कि किए गए वादे तेजी से पूरे हो रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि ग्रामीणों, वंचितों, दलितों, आदिवासियों, महिलाओं, युवाओं और मध्यम वर्गीय परिवारों से लेकर समाज के विभिन्न वर्गों के सपने अब पूरे होंगे।
उन्होंने इस बात पर खुशी जतायी कि ओडिशा की नयी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने अपने शुरुआती फैसलों के तहत राज्य की माताओं और बहनों को‘सुभद्रा योजना’ का तोहफा दिया है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री आवास योजना भारत में महिला सशक्तीकरण का प्रतिबिंब है और अब संपत्ति महिलाओं के नाम पर पंजीकृत की जा रही है। आज देश भर के लगभग 30 लाख परिवारों ने गृह प्रवेश किया है जबकि 15 लाख नये लाभार्थियों को आवास मिला है और 10 लाख से अधिक लाभार्थियों के बैंक खातों में धनराशि हस्तांतरित की गई है। हमने यह शुभ कार्य ओडिशा की पवित्र धरती से किया है और इसमें बड़ी संख्या में राज्य के गरीब परिवार भी शामिल हैं।”
एक आदिवासी परिवार के गृह प्रवेश में भाग लेने के अपने अनुभव को साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह उनकी खुशी और उनके चेहरे पर संतोष को कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने कहा , “यह अनुभव, यह भावना मेरे पूरे जीवन के खजाने के बराबर है। गरीब, दलित, वंचित और आदिवासी समाज के जीवन में आ रहे बदलाव के परिणामस्वरूप यह खुशी मुझे और अधिक मेहनत करने की ऊर्जा देती है।”
ओडिशा में एक विकसित राज्य के लिए जरुरी सभी संसाधनों के उपलब्ध होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यहां युवाओं की प्रतिभा, महिलाओं की ताकत, प्राकृतिक संसाधन, उद्योगों के लिए अवसर और पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। पिछले 10 वर्षों में केंद्र में रहते हुए सरकार ने ओडिशा को हमेशा प्राथमिकता के तौर पर देखा है। उन्होंने दावा किया कि आज ओडिशा को केंद्र से 10 साल पहले की तुलना में तीन गुना ज्यादा फंड मिल रहा है।
आयुष्मान योजना की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ओडिशा के लोगों को पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज का भी लाभ मिलेगा, जबकि 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा, चाहे उनकी आय कुछ भी हो। उन्होंने कहा कि मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान वादा किया था और मोदी ने अपनी गारंटी पूरी की है।
उन्होंने कहा कि ओडिशा में रहने वाले दलित, वंचित और आदिवासी समुदाय गरीबी के खिलाफ अभियान के सबसे बड़े लाभार्थी हैं। चाहे आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए अलग मंत्रालय बनाना हो, आदिवासी समुदाय को उनकी जड़ों, जंगलों और जमीन पर अधिकार देना हो, आदिवासी युवाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसर देना हो या ओडिशा की एक आदिवासी महिला को देश का माननीय राष्ट्रपति बनाना हो, सरकार ने पहली बार ऐसे कार्य किए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ओडिशा में कई आदिवासी क्षेत्र और समूह हैं जो कई पीढ़ियों से विकास से वंचित थे। पीएम जनमन योजना जनजातियों में सबसे पिछड़े लोगों का समर्थन करेगी। राज्य में ऐसी 13 जनजातियों की पहचान की गयी हैं। इस योजना के तहत सरकार इन सभी समुदायों को विकास योजनाओं का लाभ दे रही है। आदिवासी क्षेत्रों को सिकल सेल एनीमिया से मुक्त करने के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है तथा पिछले तीन महीनों में इस अभियान के तहत 13 लाख से अधिक लोगों की जांच की गई है।
उन्होंने कहा कि देश में सैकड़ों-हजारों वर्षों से लोहार, कुम्हार, सुनार और मूर्तिकार जैसे काम करने वाले लोग रहे हैं। पिछले साल विश्वकर्मा जयंती पर विश्वकर्मा योजना शुरू की गई थी, जिस पर सरकार 13,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। अब तक 20 लाख लोग इस योजना के तहत पंजीकृत हो चुके हैं और उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने आधुनिक औजार खरीदने के लिए हजारों रुपये की वित्तीय सहायता और बिना गारंटी के बैंकों से कम ब्याज पर ऋण देने की बात भी कही। उन्होंने विश्वास जताया कि गरीबों के लिए स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा की यह गारंटी विकसित भारत की असली ताकत बनेगी।
ओडिशा सरकार की ‘सुभद्रा योजना’ का शुभारंभ करने के अलावा प्रधानमंत्री ने 2800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली रेलवे परियोजनाओं की आधारशिला रखी और इसे देश को समर्पित किया। इसके अलावा उन्होंने 1000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।