मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में नगर निगम ने समाजवादी पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री कमाल अख्तर की दो प्रॉपर्टी को सील कर दिया है। इनमें शहर के सिविल लाइंस इलाके में स्थित ‘गजल बार’ और आवास विकास फेज-2 में स्थित ‘व्हाइट हाउस होटल’ शामिल हैं। ये दोनों प्रॉपर्टी पूर्व मंत्री की पत्नी हुमैरा अख्तर के नाम पर हैं, जो अमरोहा की उझारी नगर पंचायत की चेयरपर्सन भी हैं।
नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, हाउस टैक्स बकाया होने के कारण यह कार्रवाई की गई है। निगम के नोटिस के मुताबिक, गजल बार पर 2.4 लाख रुपए और व्हाइट हाउस होटल पर 12.83 लाख रुपए का टैक्स बकाया है। दोनों संपत्तियों को सील करने के साथ ही कुर्की का नोटिस भी चस्पा कर दिया गया है, जिसमें लोगों को आगाह किया गया है कि ये संपत्तियां नीलामी की सूची में हैं और कोई भी इनकी खरीद-फरोख्त न करे।
कमाल अख्तर का बयान – “यह निगम की रूटीन कार्रवाई”
नगर निगम की इस कार्रवाई पर विधायक कमाल अख्तर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मुझे नहीं लगता कि यह कार्रवाई मेरे द्वारा विधानसभा में उठाए गए मुद्दे की प्रतिक्रिया में हुई है। यह हाउस टैक्स बकाया में की गई नगर निगम की रूटीन कार्रवाई है, जो पूरे शहर में चल रही है।”
उन्होंने आगे बताया कि व्हाइट हाउस होटल को लीज पर दिया गया है, और टैक्स भरने की जिम्मेदारी किराएदार की है। वहीं, गजल बार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह बिल्डिंग पिछले चार साल से बंद पड़ी है और उसमें अब कोई बार संचालित नहीं हो रहा है।
विधानसभा में उठाया था नगर निगम के खिलाफ मुद्दा
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कमाल अख्तर ने विधानसभा में नगर निगम द्वारा टैक्स बढ़ाने के खिलाफ आवाज़ उठाई थी। उन्होंने कहा था कि, “प्रदेश सरकार द्वारा जारी नए गजट के अनुसार, हाउस टैक्स 100 गुना तक बढ़ सकता है, जिससे गरीबों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। मैंने सदन में मांग की थी कि नगर निगम द्वारा की जा रही टैक्स बढ़ोतरी को रोका जाए।”
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नगर निगम का दावा – “बकाया न चुकाने पर की गई कार्रवाई”
वहीं, नगर निगम प्रशासन का कहना है कि यह पूरी तरह से बकाया हाउस टैक्स की वसूली के तहत की गई कार्रवाई है और इसका किसी राजनीतिक मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है। नगर निगम ने कमाल अख्तर की पत्नी हुमैरा अख्तर को एक सप्ताह की मोहलत दी है, जिसके भीतर टैक्स न चुकाने पर इन प्रॉपर्टीज़ की नीलामी भी की जा सकती है।
नगर निगम की इस कार्रवाई के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है, और इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई से भी जोड़कर देखा जा रहा है।