श्रीनगर – केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर स्थित 15 कोर के निवर्तमान जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने गुरुवार को कहा कि वर्तमान में लगभग 80 सक्रिय आतंकवादी हैं जो पिछले वर्षों में सबसे कम संख्या है।
श्रीनगर में सेना की 15 कोर के मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा कि मल्टी-एजेंसी सेंटर द्वारा बताई गई आधिकारिक संख्या लगभग 80 है। यह कई वर्षों में सबसे कम है। उन्होंने आतंकवादियों की मौजूदगी के लिए बाहरी ताकतों-विशेष रूप से पाकिस्तान- को जिम्मेदार ठहराया, जो इस क्षेत्र में आतंकवाद के पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के लिए संख्या को एक महत्वपूर्ण सीमा पर रखते हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा , ”जब मैंने पिछले साल कमान संभाली थी तब वे 100 के आंकड़े को पार करने वाली संख्या से निपट रहे थे। अब यह आंकड़ा कम हो गया है। सुरक्षा बलों का प्रयास सक्रियतापूर्वक और आक्रामक तरीके से इन संख्याओं को कम कर रहा है और झे लगता है कि हम सफल हुए हैं। अब आधिकारिक आंकड़ा 80 है।”
सुरक्षा बलों के प्रयासों से इस संख्या में और कमी आने की उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा ”जिस तरह से चीजें आगे बढ़ रही हैं, मुझे विश्वास है कि सक्रिय आतंकवादियों की संख्या और कम होगी।” उन्होंने आशा व्यक्त की कि संख्या कम करने के लिए सुरक्षा बलों के प्रयास जारी रहेंगे।
उन्होंने कहा ”जिस तरह से चीजें आगे बढ़ रही हैं मुझे विश्वास है कि हम और भी कम सक्रिय आतंकवादी देखेंगे। अगले साल के मध्य तक हम इस आंकड़े में काफी कमी देख सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि कश्मीर में 25 से 40 पाकिस्तानी आतंकवादी सक्रिय हो सकते हैं।
बेहतर स्थिति के मद्देनजर कश्मीर में सेना की मौजूदगी कम करने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा , ”मेरी राय में इस स्तर पर सुरक्षा ग्रिड को कमजोर नहीं किया जाना चाहिए। हमारे पास (कुछ अच्छे साल) रहे हैं लेकिन स्थायी शांति के लिए यह प्रक्रिया कई और वर्षों तक जारी रहनी चाहिए। चाहे वह नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ रोधी ग्रिड हो या घाटी के भीतर आतंकवाद रोधी ग्रिड, उन्हें बनाए रखने की आवश्यकता है। हम एक समेकन चरण में हैं। मेरे विचार में ग्रिड को कमज़ोर करने की कोई सिफारिश नहीं की जाती है और मैं निश्चित रूप से इस स्तर पर इसका समर्थक नहीं हूँ।”
उन्होंने कहा कि स्थिति में सुधार के लिए 15 कोर, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा कि कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार से घुसपैठ में कमी आई है। उन्होंने कहा, “एलओसी के पार लॉन्च पैड पर लोग थे लेकिन इस गर्मी में घुसपैठ की ज्यादा कोशिशें नहीं हुईं। घुसपैठ एलओसी के अलावा अन्य इलाकों से होती है जैसा कि हमने जम्मू में देखा। यही कारण है कि उस क्षेत्र में संख्या थोड़ी बढ़ गई है।”
कोर कमांडर ने कहा कि नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम की सहमति कायम है और अभी भी लागू है।
मध्य पूर्व संघर्ष पर सेना अधिकारी ने कहा कि वे कड़ी नजर रख रहे हैं और सुनिश्चित कर रहे हैं कि उनमें से किसी का भी हमारे क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
उन्होंने कहा ”जहाँ तक दुनिया भर में चल रहे संघर्षों की बात है तो इन घटनाओं का यहाँ कुछ नगण्य प्रभाव पड़ा। हमने घाटी के भीतर भी कुछ विरोध प्रदर्शन देखे हैं लेकिन फिलहाल हमें ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि इनमें से कोई भी बहुत चिंताजनक स्थिति पैदा कर सकता है। लेकिन याद रखें कि जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं वे संघर्ष और अधिक तीव्र होते जा रहे हैं। हमें कड़ी निगरानी रखनी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि उनमें से किसी का भी हमारे क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।”
लेफ्टिनेंट जनरल घई का स्थान 15 अक्टूबर को लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव लेंगे।