देवबंद (सहारनपुर)। देवबंदी मसलक के इस्लामिक शिक्षण केंद्र दारूल उलूम देवबंद द्वारा अपने छात्रों पर अंग्रेजी समेत दूसरे विषयो की पढ़ाई पर लगाई गई रोक से संबंधित विवाद उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी द्वारा की गई सुनवाई के बाद समाप्त हो गया है।
आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी ने बृहस्पतिवार को फोन पर बताया कि उनके संज्ञान में दारूल उलूम के शिक्षा विभाग द्वारा अपने छात्रों पर इंग्लिश समेत दूसरे विषयों की पढ़ाई पर रोक लगाने और उसका उल्लंघन करने पर छात्रों का संस्था से निष्कासन करने का मामला सामने आया था। उन्होंने बताया कि इस तरह की रोक धारा 21 का उल्लंघन है। शिक्षा मौलिक अधिकार है। किसी भी भाषा इत्यादि को पढ़ाने से नहीं रोका जा सकता। अल्प संख्यक आयोग द्वारा इस मामले में दारूल उलूम को नोटिस जारी किया गया था कि संस्था के अधिकारी उनके समक्ष उपस्थित होकर स्थिति सपष्ट करें। आयोग ने जिलाधिकारी के माध्यम से भी इस मामले की जांच कराई।
अशफाक सैफी ने आज बताया कि प्रशासन की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि दारूल उलूम ने अंग्रेजी शिक्षा दी जाती है और वहां कंप्यूटर प्रशिक्षण के लिए अलग से विभाग है। दारूल उलूम की ओर से आयोग ने उपस्थित हुए उनके प्रतिनिधि की ओर से भी कहा गया कि दारूल उलूम अपने छात्रों को किसी भी विषय की पढ़ाई करने से नहीं रोकता है और किसी भी भाषा या पढ़ाई से दारूल उलूम को कोई ऐतराज नहीं है। दारूल उलूम के प्रबंधकों का यह मत है कि उनके छात्र किसी अन्य शिक्षण संस्थान में प्रवेश लेकर सामांतर शिक्षा ग्रहण नहीं करे।
आयोग के चेयरमैन अशफाक सैफी ने कहा कि प्रशासनिक जांच और दारूल उलूम के स्पष्टीकरण के बाद यह विषय समाप्त हो जाता है और उन्होंने दारूल उलूम को आरोपमुक्त कर दिया है।