सांसद पुष्पेंद्र सरोज ने कहा, “मुलायम सिंह यादव जी केवल एक नेता नहीं, बल्कि किसानों, गरीबों, और कमजोर वर्गों की आवाज थे। महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में उनकी मूर्ति लगाना उनके योगदान को सम्मानित करने का एक सही माध्यम होगा।”
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हालांकि, इस प्रस्ताव ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। विरोधी दलों ने इस विचार को राजनीतिक एजेंडा बताते हुए इसकी आलोचना की है। वहीं, सपा समर्थकों ने इसे पूरी तरह उचित ठहराया और कहा कि मुलायम सिंह यादव को उनके ऐतिहासिक योगदान के लिए सम्मान मिलना चाहिए।