वर्षीय अर्जुन एरिगैसी ने रचा इतिहास: जेरूसलम मास्टर्स फाइनल में विश्वनाथन आनंद को हराकर जीता करियर का सबसे बड़ा खिताब
Arjun Erigaisi beat Viswanathan: जेरूसलम मास्टर्स के रोमांचक फाइनल में भारतीय ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगैसी ने पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद को हराकर शानदार जीत दर्ज की। मुकाबले की शुरुआत दो रैपिड गेम से हुई जो ड्रॉ रहे, लेकिन निर्णायक ब्लिट्ज टाईब्रेक में एरिगैसी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 2.5-1.5 से खिताब अपने नाम कर लिया।
ब्लिट्ज में दांव-पेंच का कमाल: एरिगैसी की सटीक रणनीति
वारंगल से वर्ल्ड क्लास तक: कौन हैं अर्जुन एरिगैसी?
अर्जुन एरिगैसी का जन्म 3 दिसंबर 2003 को आंध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) के वारंगल में हुआ। बचपन में उन्होंने शतरंज महज मनोरंजन के तौर पर खेलना शुरू किया था। तिरुपति में उनके किंडरगार्टन शिक्षक ने उनके माता-पिता को सलाह दी कि अर्जुन की तेज सीखने की क्षमता को देखते हुए उन्हें शतरंज में आगे बढ़ाना चाहिए। अर्जुन कम उम्र में ही असाधारण याददाश्त के धनी थे- वे 70 देशों की राजधानियाँ और उनकी मुद्राएँ तक याद रखते थे। 11 साल की उम्र से उनके पिता ने उन्हें औपचारिक प्रशिक्षण दिलाना शुरू किया।
14 साल में बना ग्रैंडमास्टर
2017 के बाद अर्जुन का खेल तेजी से निखरा और वे सिर्फ 14 साल 11 महीने 13 दिन की उम्र में ग्रैंडमास्टर बन गए। अगले कुछ वर्षों में वे डी. गुकेश, प्रज्ञानानंद और निहाल सरीन जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के साथ भारत की शतरंज की स्वर्णिम पीढ़ी के प्रमुख चेहरों में शामिल हो गए।
जीत के बाद एरिगैसी बोले: “आसान नहीं था
खिताब जीतने के बाद एरिगैसी ने कहा कि आज का दिन काफी चुनौतीपूर्ण था। “मेरे सामने कई मुश्किलें थीं और मैं अपना सर्वश्रेष्ठ खेल भी नहीं दिखा पाया, लेकिन जीतकर बहुत खुश हूं।” उन्होंने बताया कि पीटर स्विडलर के खिलाफ और फिर आनंद के साथ मुकाबले बेहद तनावपूर्ण रहे। “आनंद सर के खिलाफ पहले गेम में हम दोनों ने मौके गंवाए, लेकिन ब्लिट्ज में मैं बेहतर कर पाया,” उन्होंने कहा।
