मेरठ। यूपी में पहली बार लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज, मेरठ में स्टेम सेल थेरेपी द्वारा AVN हिप का सफल इलाज किया गया। लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज मेरठ पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक पुराना एवं प्रसिद्ध चिकित्सा तथा चिकित्सा शिक्षा का केंद्र है। जो कई वर्षों से चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहा है। इसी क्रम में लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज, मेरठ में स्टेम सेल थेरेपी द्वारा AVN हिप का सफल इलाज किया गया।
लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज, मेरठ के हड्डी रोग विभाग ने इसका इलाज कर एक महत्वपूर्ण चिकित्सा उपलब्धि हासिल की है। हड्डी रोग विभाग के डॉ. कृतेश मिश्रा और उनकी टीम ने एक 22 वर्षीय युवक के एवस्कुलर नेक्रोसिस (AVN) ऑफ हिप का स्टेम सेल थेरेपी से सफल इलाज किया है। यह थैरेपी उन मरीजों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो शुरुआती चरण के AVN से पीड़ित हैं और सर्जरी से बचना चाहते हैं। मरीज कई महीनों से कूल्हे में दर्द और गतिशीलता की कमी से परेशान था। जांच में उसे AVN के प्रारंभिक चरण में पाया गया। इसके बाद उसे स्टेम सेल थैरेपी का सुझाव दिया गया।
इस उपचार की पहली अवस्था में, मरीज के इलियक क्रेस्ट (iliac crest) से बोन मैरो निकाला गया। इस बोन मैरो को मुंबई स्थित एक लैब में लगभग एक माह तक प्रोसेस किया गया, जिसके बाद तैयार स्टेम सेल्स को उपयोग के लिए मरीज में प्रत्यारोपित किया गया। इस प्रक्रिया में बोन मैरो से निकाली गई स्टेम सेल्स को विशेष तकनीक से कूल्हे की क्षतिग्रस्त हड्डी में इंजेक्ट किया गया। इस थैरेपी ने हड्डी के पुनर्जनन की प्रक्रिया को सक्रिय किया। डॉ. कृतेश मिश्रा, ऑर्थोपेडिक सर्जन, ने बताया कि “स्टेम सेल थैरेपी ऑर्थोपेडिक्स में उभरता हुआ क्षेत्र है, जो विशेष रूप से युवा और सक्रिय मरीजों के लिए लाभकारी हो सकता है। हमारा उद्देश्य आधुनिक विज्ञान का प्रयोग करते हुए रोगियों को मिनिमली इनवेसिव और प्रभावशाली उपचार प्रदान करना है। इस केस की सफलता न केवल हमारे विभाग के लिए गर्व का विषय है, बल्कि आने वाले मरीजों के लिए आशा की किरण भी है।”
हड्डी रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ ज्ञानेश्वर टोंक ने बताया कि “यह प्रयास आधुनिक ऑर्थोपेडिक्स में प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारी टीम ने सीमित संसाधनों में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर यह उपलब्धि हासिल की है।” मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉआर सी गुप्ता ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि “लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज न केवल चिकित्सकीय शिक्षा में अग्रणी है, बल्कि नवाचार और शोध में भी आगे बढ़ रहा है। यह उपलब्धि हमारी टीम की विशेषज्ञता और समर्पण को दर्शाती है। हम संस्थान के माध्यम से ऐसे और कई आधुनिक चिकित्सा प्रयोगों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” इस सर्जरी में ऑर्थोपेडिक टीम के डॉ. निखिल एवं डॉ. सुमित, वहीँ एनेस्थीसिया टीम से डॉ. योगेश मणिक और डॉ. प्रमोद ने उत्कृष्ट सहयोग प्रदान किया।