नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपनी इथेनॉल पॉलिसी में बदलाव कर दिया है। अब गन्ने के रस और शुगर सिरप से चीनी मिलों को इथेनॉल बनाने की छूट मिली है। 1 नवंबर 2024 से यह बदलाव लागू होगा।
आपको बता दे कि केंद्र सरकार ने गन्ने के रस और शुगर सिरप से इथेनॉल बनाने पर रोक लगाई थी। चीनी मिलो के लिए गन्ने का रस और शुगर सिरप के इस्तेमाल के लिए तय मात्रा थी। गन्ने से इथेनॉल के उत्पादन पर सरकार ने पाबंदी लगाई थी। अब सरकार ने इथेनॉल उत्पादन से जुड़ी नीतियों में बदलाव किया है। नोटिफिकेशन जारी करके सरकार ने इसकी जानकारी दी। इससे इथेनॉल बनाने वाली कंपनियों को बड़ी राहत मिली।
इससे गन्ना किसानों और चीनी मिलों के साथ ही शुगर स्टॉक को भी मुनाफा होने की बात कही जा रही है। सरकार ने बी-हैवी और सी-हैवी मोलासेज के डायवर्सन पर लगी पाबंदी को भी हटा दिया है। नए शुगर सीजन में शुगर मिल चीनी डायवर्ट कर पाएगी। सरकार ने इथेनॉल बनाने वाली कंपनियों के लिए चावल खरीदने की भी मंजूरी दे दी है।
सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार शुगर सिरप, गन्ने का रस, बी-हैवी मोलासेज और सी-हैवी मोलासेज से इथेनॉल सप्लाई ईयर 2024-25 के लिए इथेनॉल का निर्माण कर पाएंगे, डिस्टिलरीज को सरकार ने इथेनॉल बनाने के लिए 23 लाख टन तक चावल एफसीआई से खरीदने की भी परमिशन दे दी है।
इथेनॉल के उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने यह फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने रणनीति बनाई है कि ईंधनों में इथेनॉल मिलाया जाए,पहले से ही पेट्रोल में इथेनॉल को ब्लेंड किया जा रहा है। अब इसे डीजल में भी मिलाने की तैयारी है। पेट्रोल व डीजल जैसे ईंधनों में इथेनॉल मिलाने से देश ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने में आत्मनिर्भर बनेगा, जिसके बाद ईंधनों के आयात को कम किया जा सकेगा और विदेशी मुद्रा को बचाया जा सकेगा।
सरकार ने इथेनॉल के उत्पादन के लिए जो फैसला सुनाया है उसके बाद से शुगर स्टॉक में तेजी देखने को मिल रही है। सबसे ज्यादा तेजी डालमिया भारत शुगर के शेयर में दर्ज हुई। इसके अलावा बलरामपुर चीनी, अवध शुगर, धामपुर शुगर मिल्स, बन्नारी अम्मान शुगर्स और बजाज हिंदुस्तान शुगर जैसी कंपनियों के शेयर में उछाल दर्ज हुआ है ।