पटना। एडवोकेट एसोसिएशन में मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने 15 वर्ष पूर्व मृत दारोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढ निकालने की खुशी में सुंदरकांड का पाठ किया। बारह साल पहले अधिवक्ता एसके झा ने जनेऊ तोड़कर दारोगा रामचंद्र सिंह को जिन्दा ढूंढने का संकल्प लिया था। इस संकल्प के पूरा होने पर अधिवक्ता ने जनेऊ फिर से धारण कर लिया।
रामचंद्र सिंह वही दारोगा है, जिन्होंने कोर्ट में मृत्यु प्रमाणपत्र जमा कराकर खुद के मृत घोषित करा दिया था।कोर्ट को एक कांड की गलत जांच करने के मामले में दारोगा रामचंद्र सिंह की तलाश थी। तब कोर्ट में उपस्थित होने के बजाय उन्होंने पत्नी के जरिए एसएसपी मुजफ्फरपुर के माध्यम से कोर्ट में मृत्यु प्रमाण पत्र दायर करा दिया।
अब जब दारोगा रामचंद्र सिंह बेनकाब हो चुके हैं, उनकी सच्चाई प्रमाण सहित सामने आ गई है और मामले की जांच शुरू हो चुकी है, तो इस अवसर पर अधिवक्ता ने जनेऊ धारण कर लिया।