लखनऊ। करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर सिंह चौहान ने संगठन में बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश इकाई की पूरी कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। इस कार्रवाई के तहत प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह चौहान को अनुशासनहीनता के आरोप में पद से हटा दिया गया है। उनके साथ ही उनके नेतृत्व में कार्य कर रहे सभी पदाधिकारियों को भी पदमुक्त कर दिया गया है।
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यह कार्रवाई 16 अप्रैल 2025 को की गई थी, लेकिन इसके बावजूद ज्ञानेंद्र सिंह चौहान लगातार खुद को करणी सेना का प्रदेश अध्यक्ष बताकर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, ज्ञानेंद्र सिंह ने पदमुक्त होने के बाद भी खुद को संगठन से जुड़ा बताते हुए कई बार सार्वजनिक रूप से बयान दिए हैं।
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सबसे गंभीर मामला तब सामने आया जब उन्होंने हाल ही में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के काफिले पर हुए हमले की जिम्मेदारी खुद ली। इस बयान के बाद करणी सेना की साख पर सवाल खड़े होने लगे थे। इसी कारण संगठन ने सख्त रुख अपनाते हुए तत्काल प्रभाव से उन्हें पद से हटाने और कार्यकारिणी को भंग करने का फैसला किया।
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राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर सिंह चौहान ने साफ किया कि करणी सेना एक अनुशासित संगठन है और अनुशासन तोड़ने वालों के लिए इसमें कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जल्द ही नई कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा और नए सिरे से संगठन को सक्रिय किया जाएगा।