मेरठ। गंगानगर स्थित आईआईएमटी यूनिवर्सिटी कैंपस में नमाज पढ़ने के मामले में विवि प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए छात्र और तीन सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया है। आईआईएमटी विवि परिसर में नमाज पढ़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिस पर हिंदू संगठन और महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने विरोध किया था। इसके बाद विवि प्रशासन ने यह कार्रवाई की है।
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सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो क्लिप में 50 से अधिक छात्र आईआईएमटी विवि में नमाज पढ़ने दिखाई दे रहे थे। ये वीडियो खालिद मेवाती खालिद प्रधान के सोशल अकाउंट से वायरल हुई थी। वीडियो वायरल होने के बाद हिन्दू जागरण मंच के पूर्व महानगर अध्यक्ष सचिन सिरोही ने पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी थी कि इस मामले में कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन करेंगे। उनका कहना था कि किसी विवि में सभी धर्म के छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। ऐसे में शैक्षिक परिसर में नमाज अदा करना गलत है। मेरठ पहुंचे महंत यति नरसिंहानंद ने विवि में खुले में नमाज पढ़ने क विरोध किया। उन्होंने इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी। इस मामले में विवि प्रशासन की तरफ से जांच टीम गठित की गई थी।
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जांच टीम के बुलाने पर नहीं पहुंचा आरोपी छात्र
आईआईएमटी समूह के मीडिया प्रभारी सुनील शर्मा ने बताया कि टीम की जांच में सामने आया कि आईआईएमटी विश्वविद्यालय परिसर में नमाज पढ़ने के लिए विवि प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई। जांच कमेटी ने माना कि विवि
प्रशासन के संज्ञान में लाए बिना परिसर में नमाज पढ़ना और उसकी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का उद्देश्य विश्वविद्यालय में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना प्रतीत होता है। इस प्रकरण में मुख्य आरोपी छात्र खालिद प्रधान (खालिद मेवाती) को जांच समिति ने पक्ष रखने के लिए बुलाया था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुआ। जिसके बाद छात्र को निलंबित कर दिया गया है। वहीं तीन सुरक्षाकर्मी को भी लापरवाही पर निलंबित किया गया है।