केवल ऊंचाइयों को छूने के लिए ही टाइम मैनेजमेंट की आवश्यकता नहीं होती। एक आम आदमी को अपना जीवन सरपट दौड़ाने के लिए भी टाइम मैनेजमेंट की आवश्यकता होती है। बचपन में या विद्यार्थी जीवन में भी वही लोग अच्छा पढ़ पाते हैं जो समय को महत्ता देते हैं और अपने समय का सदुपयोग कर पाते हैं।
आगे किसी प्रोफेशनल कोर्स में भी वहीं लोग कुछ कर दिखाते हैं जो समय को अपनी मुट्ठी में बंद कर लेते हैं। आगे जाकर जीवन में भी वहीं सफल हैं जो समय के अनुसार स्वयं को ढाल लेते हैं।
एक आम आदमी भी अपनी नैया को बिना समय प्रबंधन के पार नहीं लगा सकता। एक हाउसवाइफ के लिए भी समय प्रबंधन उतना ही जरूरी है जितना कामकाजी महिला के लिए। आइए देखें एक लेमैन को अपना टाइम मैनेजमेंट कैसे बना कर रखना चाहिए ताकि उसे पीछे मुड़कर न देखना पड़े।
रात्रि को सोने से पहले अगली सुबह की शुरूआत कैसे करनी है। क्रमानुसार और कामों की प्रिफेंस के अनुसार लिस्ट बनाएं ताकि सुबह उठ कर आप कनफ्यूज न हो सकें।
घर की चाबियां, गाड़ी-स्कूटर की चाबियां दरवाजे के पीछे की – स्टैंड या किसी दीवार पर लटकने वाली टोकरी में रखें ताकि कहीं बाहर जाते समय चाबियां ढूंढने में समय खराब न हो।
घर में एक ऐसी बंद टोकरी रखें जिसमें सभी बिल, डाक डाल दें। रात्रि को इन्हें देखकर उचित स्थान पर रख दें या चैकबुक से उनके चैक काट कर तैयार कर रख लें ताकि पेमेंट समय पर हो जाए और बाद में बिल उसी टोकरी में डाल दें। समय मिलने पर उन्हें उचित फाइल में लगा दें।
महिलाओं को अपना मेकअप का सामान एक दराज में रखना चाहिए बस उतना ही जितना रोजमर्रा के लिए चाहिए ताकि सामान ढूंढने में वक्त व्यर्थ न जाए।
अपने बेड रूम में एक मैगजीन स्टैंड रखें। सभी अखबार और मैगजीन उसी में रखें ताकि परिवार के किसी भी सदस्य को पढऩे का सामान चाहिए तो आसानी से उसे ले सकें।
ऑफिस के कागजों को रोज छांटें। रद्दी वाले कागजों को फाड़कर फेंक दें, जरूरी कागज फाइलों में लगाएं।
कभी कभी ऑफिस में ऐसे लोग आकर आपका समय बर्बाद करते हैं जिससे आपको तनाव होता है, ऐसे लोगों को समझा दें कि इस समय मेरे पास 1० या 15 मिनट हैं। आप अपनी बात इसी वक्त में पूरी कर लें।
प्रयास करें एक ही समय में एक काम करें। इक_े काम करने में तनाव पैदा होता है और कोई भी काम सफलतापूर्वक पूरा नहीं होता।
सीजन बदलने पर अपना वार्डरोब समय पर ही बदल दें ताकि मौसम अनुसार वस्त्र प्रयोग किए जा सकें।
मेडिकल चैकअप्स की डेट अपनी डायरी में लिख लें और डाक्टर के पास जाते समय एक नोट बुक में अपनी समस्याएं नोट कर लें।
– नीतू गुप्ता