मुजफ्फरनगर। अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 104 भारतीयों को अमेरिकी सरकार ने डिपोर्ट कर भारत वापस भेज दिया है। इनमें उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के दो युवक भी शामिल हैं। शाहपुर क्षेत्र के रक्षित बालियान और पुरकाजी थाना क्षेत्र के मारकपुर गांव निवासी देवेंद्र सिंह का सपना अमेरिका जाकर बसने का था, लेकिन वहां उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा।
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अमेरिका में बंधक बनाकर मांगी फिरौती
हाई स्कूल पास देवेंद्र सिंह 29 नवंबर को अमेरिका के लिए रवाना हुए थे, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उनका बुरा अनुभव शुरू हो गया। अमेरिका पहुंचने पर माफियाओं ने उन्हें गन प्वाइंट पर बंधक बना लिया और 40 लाख रुपये की फिरौती मांगकर उन्हें छोड़ने की धमकी दी। यह रकम भारत के हरियाणा राज्य के करनाल जिले में वसूली गई थी।
मेक्सिको बॉर्डर पर पकड़ा गया
देवेंद्र सिंह ने बताया कि माफियाओं ने उन्हें अमेरिका पहुंचाने के लिए पहले थाईलैंड, फिर वियतनाम और चीन के रास्ते साल्वाडोर भेजा। साल्वाडोर में दो दिन तक रुकने के बाद माफियाओं ने उनसे पैसे मांगे। फिर आर्टिमुल ले जाकर दो दिन रोका और वहां भी पैसे लिए। धीरे-धीरे उन्हें मेक्सिको बॉर्डर तक ले जाया गया, जहां अमेरिकी सेना की बीएमआर ड्यूटी टीम पहले से तैनात थी।
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देवेंद्र सिंह ने कहा, “बॉर्डर पार कराने के लिए माफियाओं ने 15 फीट ऊंची लोहे की सीढ़ी लगाई थी। अमेरिका और मेक्सिको की बॉर्डर बाड़ के बीच एक रास्ता है, जहां वाटर पेट्रोलिंग टीमें गश्त करती हैं। जब हमें वहां से पार करवाया गया, तो बॉर्डर पेट्रोलिंग वालों ने हमें पकड़ लिया।”
हाथ-पैरों में जंजीर बांधकर किया डिपोर्ट
अमेरिकी सेना ने देवेंद्र सिंह और अन्य लोगों को हिरासत में ले लिया और पूछताछ की। उन्होंने बताया कि पूछताछ के बाद उन्हें जंजीरों में बांधकर विमान के जरिए अमृतसर भेज दिया गया, जहां बुधवार को उन्हें भारत में डिपोर्ट कर दिया गया।
देवेंद्र सिंह ने बताया कि “मेरा सफर बेहद बुरा रहा। मैंने कई देशों की यात्रा की, हर जगह माफियाओं ने पैसे ऐंठे, लेकिन आखिर में हमें डिपोर्ट कर दिया गया।”