जौनपुर-उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की एक अदालत ने मारपीट और उपद्रव के एक मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत 28 लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
अपर सत्र न्यायाधीश ( चतुर्थ) एमपी एमएलए कोर्ट शरद कुमार त्रिपाठी की अदालत ने खुटहन क्षेत्र में ब्लॉक प्रमुख के पद के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव के दौरान दो पक्षों में हुई मारपीट के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह, एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसू, पूर्व विधायक शैलेंद्र यादव ललई सहित 28 लोगों को अदालत ने मंगलवार को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
अभियोजन के अनुसार प्रतापगढ़ के तत्कालीन सांसद हरिवंश सिंह ने मुकदमा दर्ज करवाया था कि छह नवंबर 2017 को खुटहन ब्लॉक प्रमुख के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। उसी दिन 11 बजे दिन में अपनी बहू नीलम व अन्य क्षेत्र पंचायत सदस्य गण के साथ जा रहे थे तभी 400- 500 आदमियों के साथ पूर्व विधायक शैलेंद्र यादव उर्फ ललई , धनंजय सिंह पूर्व सांसद, एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसू मेरे गाड़ी के सामने आ गए और ललकारते हुए कहा कि जान से मार दो। उसके बाद यह लोग फायर करते हुए आगे बढ़े तब वादी जान बचाकर गाड़ी में छिपकर भागा।
अंधाधुंध फायरिंग में कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। बहुत से लोग घायल हो गए। ईंट, पत्थरों से भी गाड़ियों को तोड़ा गया। क्षेत्र पंचायत सदस्यों को मतदान से रोकने के लिए मारा पीटा गया व आतंकित किया गया। कुछ महिलाओं के गले से चेन व कान की बालियां भी लूट ली गई।
न्यायालय में सुनवाई के दौरान सभी गवाह पक्ष द्रोही हो गए जिसकी वजह से साक्ष्य के अभाव में अदालत ने पूर्व विधायक ललई यादव, पूर्व सांसद धनंजय सिंह, नवीन सिंह, एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसू, वीरेंद्र यादव, राम प्रकाश यादव, बड़े लाल यादव, कपिल देव यादव, राम शंकर यादव, अखंड यादव, वीरेंद्र विक्रम यादव, देवमणि यादव, हरिश्चंद्र यादव, रमेश चंद्र यादव, राजीव यादव, सुदामा यादव, ओमकार यादव, प्रदीप यादव, फूलचंद यादव, शैलेंद्र यादव, देवनाथ यादव, सुनील यादव, रामचंद्र यादव, मोहम्मद शाहिद, रसीले यादव, अश्वनी यादव गुड्डन, दशरथ यादव व राम आश्रय यादव को हत्या के प्रयास, जानलेवा हमले व उपद्रव के आरोप में दोषमुक्त करने का आदेश दिया।