लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने पर विशेष जोर है। इस संदर्भ में समय-समय पर बैठक कर वह परिवहन विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी देते हैं। विभागीय अधिकारी व कर्मचारी नवीनतम तकनीक से लैस हों, इस पर भी उनका विशेष फोकस है। इसी क्रम में अब परिवहन विभाग के शीर्षस्थ अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों का प्रशिक्षण कराकर उन्हें तकनीक से लैस भी किया जाएगा। इसके लिए इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आईडीटीआर), रायबरेली को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जा रहा है।
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परिवहन आयुक्त ने प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) की अध्यक्षता में ट्रेनिंग सेल का गठन भी किया है। वहीं बस्ती के संभागीय परिवहन अधिकारी फरीउद्दीन को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का नोडल अधिकारी बनाया गया है। उत्तर प्रदेश परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने कहा, ”मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के साथ ही अधिकारियों व कर्मचारियों को नवीनतम तकनीक से लैस करने पर भी हमारा जोर है। इसके लिए विभाग के शीर्षस्थ अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों का प्रशिक्षण कराया जाएगा। इसी क्रम में लिए इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आईडीटीआर), रायबरेली को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जा रहा है। अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) की अध्यक्षता में ट्रेनिंग सेल का भी गठन किया है।
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सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का नोडल अधिकारी भी नामित कर दिया गया है।” परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया कि इंस्टीट्यूट आफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आईडीटीआर) रायबरेली को ‘सेंटर आफ एक्सीलेंस’ के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्रयास है कि प्रदेश के परिवहन अधिकारियों के लिए स्थायी एवं आधुनिक प्रशिक्षण प्रणाली स्थापित की जा सके। यहां विभागीय अधिकारियों को नवीनतम प्रौद्योगिकी, डेटा आधारित नीति निर्माण, प्रवर्तन रणनीतियों और ई-गवर्नेंस आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यहां सभी स्तर के अधिकारियों (आरआई, पीटीओ, एआरटीओ, आरटीओ, डीटीसी, एटीसी) आदि के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित होंगे। इसके साथ ही नवागंतुक अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण तथा विभाग में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों के लिये रिफ्रेशर कोर्स के साथ ही समय-समय पर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होंगे। उन्होंने बताया कि परिवहन अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए पाठ्यक्रम का विकास उत्तर प्रदेश की आवश्यकताओं, देश में परिवहन क्षेत्र में हो रहे बदलावों तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के निर्देशों के अनुरूप किया जाएगा।
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इसके अतिरिक्त वैश्विक स्तर पर परिवहन क्षेत्र में हो रहे नवीनतम विकास को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा, जिससे अधिकारीगण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही नवीनतम जानकारियों से भी अवगत हो सकें। आईडीटीआर को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां परिवहन अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण, रिफ्रेशर, नई योजनाओं व सुधारों को लेकर कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में तकनीकी उन्नयन, डेटा एनाालिटिक्स, ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) पर विशेष फोकस रहेगा। जिससे परिवहन प्रबंधन अधिक डिजिटल, कुशल व डेटा संचालित हो सके। स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट, स्वचालित ड्राइविंग परीक्षण प्रणाली, सड़क सुरक्षा विश्लेषण और ई-गवर्नेंस को प्रशिक्षण का अभिन्न अंग बनाया जाएगा। पाठ्यक्रम को व्यावहारिक अनुभव और केस स्टडी आधारित प्रशिक्षण मॉडल के अनुसार विकसित किया जायेगा, जिससे अधिकारी नीति निर्माण और प्रवर्तन प्रक्रियाओं को समझ सकें और उन्हें आधुनिक परिवहन चुनौतियों का प्रभावी समाधान भी मिल सकें।
प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से परिवहन अधिकारियों को सड़क कर संग्रह, परमिट प्रणाली, प्रवर्तन तकनीकों और आधुनिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम पर नियमित प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे उनकी प्रशासनिक दक्षता में भी वृद्धि होगी। प्रशिक्षण कार्यक्रमों को तैयार करने के लिए प्रशिक्षण प्रकोष्ठ (ट्रेनिंग सेल) का गठन किया गया है। सेल की अध्यक्ष अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) होंगी। अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन), अपर परिवहन आयुक्त ( राजस्व), अपर परिवहन आयुक्त (सड़क सुरक्षा), अपर परिवहन आयुक्त (आईटी), परिवहन आयुक्त कार्यालय के वित्त नियंत्रक और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस आईडीटीआर रायबरेली के नोडल अधिकारी इसके सदस्य होंगे।