मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट पर 20 नवंबर को हुए उपचुनाव में काफी हंगामा देखने को मिला था। इस घटना को लेकर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी को तो टारगेट किया जाता है। पुलिस अधिकारी, डीएम, एसपी सरकार की नीति पर काम करते हैं।
मीरापुर उपचुनाव: जीवनपुरी में सबसे ज्यादा और किशनपुर के बूथ पर पड़े सबसे कम वोट
पुलिस अधिकारियों को केवल निशाना बनाया जाता है लेकिन जो काम करना था वह काम कर दिया गया है। चुनाव आयुक्त ने नोटिस लिया है और एक अधिकारी बलि का बकरा बन गया। आगे उसे बहाल भी कर दिया जाएगा। यह सरकार की नीति का हिस्सा है। ज्ञात हो कि मतदान वाले दिन मीरापुर के ककरौली गांव में समाजवादी पार्टी और एआईएमआईएम पार्टी के समर्थकों में झड़प हो गई थी।
मेरठ में पुलिस बनकर पूर्व पार्षद को ठगा, सोने की चेन, लाकेट और हीरे की अंगूठी लूटी
इसके बाद गुस्साए लोगों ने जाम लगा दिया था। ककरौली थाना प्रभारी निरीक्षक राजीव शर्मा और पुलिस कर्मियों ने लोगों को समझाने का प्रयास किया तो गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर ही पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान वोट डालने जा रही महिलाओं और पुलिस के बीच तीखी बहस देखने को मिली थी। जब महिलाएं वोटर पर्ची लेकर मतदान करने के लिए निकली तो इसी दौरान पुलिस फोर्स के साथ ककरौली थाना प्रभारी राजीव शर्मा हाथ में पिस्टल लिए खड़े थे। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। मीरापुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान पुलिसकर्मियों पर हुए पथराव में थाना प्रभारी समेत तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
इस मामले में पुलिस ने 28 नामजद और करीब 120 अज्ञात लोगों के खिलाफ बलवा समेत करीब 15 धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस वीडियो को ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए प्रशासन पर मतदाताओं को पिस्टल दिखाकर डरा और धमकाकर वोट देने से रोकने का आरोप लगाया। वही स्थानीय महिलाओं का आरोप लगाया कि पुलिस ने मतदाताओं को पोलिंग बूथ तक नहीं जाने दिया, जिसके कारण यह विवाद हुआ।