Monday, November 25, 2024

जैन समाज को हिंदुओं से अलग समझने की भूल न करें, जैन भी श्रीराम को मानते है: नरेशचंद्र

मुजफ्फरनगर। गुरू सुदर्शन लाल महाराज के उत्तराधिकारी संघ-आचार्य संघ-संचालक गुरुदेव नरेशचंद महाराज ने कहा कि जैन समाज को हिंदुओं से अलग समझने की भूल ना करें, कहा कि उपासना पद्धति अलग जरूर है, लेकिन संस्कृति एक ही है। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर, महात्मा गांधी और गुरू सुदर्शन लाल के संदेशों में समानता है, उनके अहिंसा और राग-द्वेष से दूर रहने के संदेश को दुनिया ने अपनाया है।

गुरू सुदर्शन जन्म शताब्दी वर्ष के अन्तर्गत गुरू गुणगान को लेकर मेहता क्लब, नई मंडी में हुई धर्म-सभा में प्रवचन करते हुए संघ संचालक नरेश चंद्र महाराज ने कहा कि जैन समाज के 24वें तीर्थकर भगवान महावीर ने अपने सिद्धांतों में अहिंसा को पहले स्थान पर रखा, इसके बाद सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य और ब्रह्मचर्य को शामिल किया। ऐसा कोई धर्म नहीं है, जो उनके सिद्धांतों को नहीं मानता है।

भगवान महावीर ने सभी जातियों में धर्म का प्रसार किया है। वैश्य, वैष्णव आदि वर्ग के लोग भी उनके शिष्य रहे हैं। अमेरिका के 40 विश्वविद्यालयों में आज भी भगवान महावीर की धर्म के ऊपर धर्म व्याख्या को लेकर शोध हो रहा है। जैन आचार्य ने कहा कि कुछ लोगों का ख्याल है कि हिंदू और जैन अलग है, जबकि ऐसा नहीं है उन्होंने कहा कि धार्मिक उपासना की पद्धति तो भिन्न हो सकती है, लेकिन संस्कृति एक ही है।जैन समाज भी भगवान श्री राम को मानता है।

संघ संचालक नरेश चंद्र महाराज ने कहा कि कुछ बरस पहले तक जैन मुनि जब मुंह पट्टी बांधकर चलते थे, तो लोग सवाल उठाते थे, लेकिन कोरोना ने सभी के मुंह पर पट्टी बंधवा दी, आज की भाषा में उसे मास्क बोलते हैं । उन्होंने कहा मास्क गलत है, उसमें सांस घुटता है। जबकि मुंह पट्टी में ऐसा कुछ भी नहीं है। जैन समाज के गुरू और उनके अनुयायी बरसों से एक दूसरे के कीटाणु से बचाव के लिए मुंह पट्टी का प्रयोग करते आए हैं।

गुरू सुदर्शन लाल के परम शिष्य नरेश चंद्र महाराज ने कहा कि भगवान महावीर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और गुरू सुदर्शन लाल ने पूरी दुनिया को अहिंसा का संदेश दिया है। महात्मा गांधी ने बिना युद्ध किए अंग्रेजों को भारत छोडऩे के लिए मजबूर किया। गुरू सुदर्शन लाल ने भी सर्व समाज को यहीं संदेश दिया।

उन्होंने बताया कि गुरू जी कहते थे कि एक तो कम बोलो और दूसरों के लिए अच्छा एवं मीठा बोलो, कभी भी दूसरों की मजाक ना उड़ाओ और हमेशा बुजुर्गो की सेवा करो। हैसियत के अनुसार खर्च करो और उधार लेकर अमीर बनने की कोशिश ना करों। उन्होंने कहा कि पहले कर्ज लेने वालों को नींद नहीं आती थीं, लेकिन अब उल्टा हो रहा है। कर्ज लेने वाला चैन की बंसी बजा रहा है, जबकि कर्ज देने वाला सो नहीं पा रहा है।

जैन आचार्य ने रिश्तों में आ रही कड़वाहट पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि हमने रिश्तों को गम्भीरता से नहीं लिया, तो उन्हें टूटने से कोई नहीं बचा सकता है। इसलिए रिश्तों  को मजबूत करो। पहले पिता को बेटी की शादी की चिंता रहती थी, लेकिन अब बेटियों से ज्यादा बेटों की शादी ना होने का डर है। उन्होंने युवाओं की शादी को समय से करने की सलाह दी, ताकि उन्हें उद्दंडता से बचाया जा सके।आज के कार्यक्रम के केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान भी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

इस दौरान नवनीत मुनि महाराज, निपुण मुनि महाराज, नीरज मुनि महाराज और नितिन मुनि महाराज ने भी धर्म सभा में जुटे सैकड़ों भक्तों को आशीर्वाद दिया। श्वेतांबर स्थानकवासी जैन समाज नई मंडी के संस्थापक संरक्षक मनमोहन जैन एवं संयोजक कार्यक्रम दीपक जैन ने कहा कि गुरू सुदर्शन शताब्दी वर्ष से शुरू हुए धार्मिक कार्य और जन कल्याण के काम आगे भी जारी रहेंगे। उन्होंने 22 अप्रैल 2023 को शामली में जुटने वाले जैन तपस्वियों के कुंभ में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की अपील की। उन्होंने बताया कि 4 अप्रैल को महावीर जयंती पर मुख्य आयोजन मेहता क्लब परिसर में ही होगा।

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